महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच संजय राउत को ED का नोटिस, कल होगी पूछताछ
महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ खड़े शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत को प्रवर्तन निदेशालय (ED) का नोटिस मिला है। नोटिस में उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित एक मामले में कल पूछताछ के लिए मुंबई में पेश होने को कहा गया है। उन पर 1,034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल भूमि घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप है। इस मामले में अप्रैल में उनकी कुछ संपत्ति भी जब्त हो चुकी है।
राउत ने कहा- गर्दन भी काट दोगे तो गुवाहाटी के रास्ते नहीं जाऊंगा
ED का नोटिस मिलने के बाद राउत ने बिना नाम लिए केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, 'मुझे अभी पता चला कि ED ने मुझे तलब किया है। अच्छा है! महाराष्ट्र में बड़ी राजनीतिक घटनाएं हो रही हैं। हम, बालासाहेब के शिवसैनिक एक बड़ा युद्ध लड़ रहे हैं। ये मुझे रोकने की साजिश है। अगर आप मेरी गर्दन भी काट दोगे तो मैं गुुवाहाटी के रास्ते नहीं जाऊंगा। मुझे गिरफ्तार करो!'
शिंदे की बगावत में ED की बड़ी भूमिका का आरोप
गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे की बगावत का सामना कर रही शिवसेना शुरू से आरोप लगा रही है कि केंद्र सरकार ने ED और CBI जैसी एजेंसियों से दबाव बनाकर इस बगावत को हवा दी है। जिन मंत्रियों और विधायकों ने बगावत की है, उनमें से कई को हाल ही में ED के नोटिस मिले हैं, वहीं बाकियों के खिलाफ भी मामले चल रहे हैं। आरोप है कि इन मामलों से बचने के लिए विधायकों ने बगावत की है।
ED के दबाव में पार्टी छोड़ने वाले बालासाहेब के सच्चे भक्त नहीं- राउत
राउत शिवसेना के उन चंद बड़े नेताओं में शामिल हैं जो एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ खड़े हुए हैं। उनका कहना है कि जो ED के दबाव में पार्टी छोड़ रहा है, वो बालासाहेब का सच्चा भक्त नहीं है। गुरूवार को दिए गए अपने बयान में उन्होंने कहा कि उन पर भी ED का दबाव है, लेकिन वो उद्धव ठाकरे के साथ खड़े रहेंगे।
महाराष्ट्र में क्या हो रहा है?
शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के गठबंधन की सरकार संकट में है। शिंदे ने शिवसेना के 55 में से 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया है और इस समय भाजपा शासित असम के गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं। उनके साथ नौ मंत्री भी हैं। शिंदे ने शुक्रवार रात को गुजरात के वडोदरा में भाजपा नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला, डिप्टी स्पीकर को नोटिस
महाराष्ट्र का ये सियासी संकट सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है और शिंदे गुट के बागी विधायकों ने उनके खिलाफ कार्रवाई को रोकने के लिए याचिका दायर की है। आज इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर नरहरि सीताराम जिरवाल, शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु, विधायक दल के नेता अनिल चौधरी और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी। तब तक बागी विधायकों की सदस्यता रद्द नहीं की जा सकेगी।