महाराष्ट्र: क्या फडणवीस सरकार ने विपक्षी नेताओं के फोन टैप करवाए थे? मामले की होगी जांच
महाराष्ट्र में भाजपा शासन में विपक्षी दलों के नेताओं की फोन टैपिंग कराने का मामला बढ़ता ही जा रहा है। गत दिनों गृह मंत्री अनिल देखमुख की ओर से फडणवीस सरकार पर विपक्ष के नेताओं के फोन टैप कराने का आरोप लगाए जाने के बाद अब सरकार ने इसकी जांच के लिए दो सदस्यीय समिति गठित कर दी है। रिपोर्ट आने के बाद इस पूरे मामले की सच्चाई सामने आ जाएगी कि फोन टैपिंग हुई थी या नहीं।
समिति को छह सप्ताह में सौंपनी होगी अपनी रिपोर्ट
गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बताया कि मामले की जांच के लिए गठित समिति में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीकांत सिंह और संयुक्त आयुक्त (इंटेलीजेंस) अमितेश कुमार को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि समिति को छह सप्ताह में पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है। इधर, अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि समिति के गठन का पत्र मिला है और इसे स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
साइबर सेल की मदद से की जाएंगी मामले की जांच
मामले की जांच के लिए गठित समिति इसमें साइबर सेल की मदद लेगी। जांच के दौरान पहले उन नेताओं की सूची तैयार की जाएगी जिन्होंने फोन टैपिंग और स्नूपिंग की शिकायतें की थी और वह उस दौरान विपक्ष में थे। इसी प्रकार उन अधिकारियों का भी पता लगाया जा रहा है जो फडणवीस सरकार में फोन टैपिंग के लिए आवश्यक सॉफ्टवेयर की ट्रेनिंग लेने के लिए इजराइल गए थे। उनसे पूछताछ के बाद ही समिति किसी निर्णय पर पहुंचेगी।
गृह मंत्री अनिल देशमुख ने लगाया था आरोप
गौरतलब है कि गत 24 जनवरी को गृह मंत्री ने आरोप लगाया था कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन फडणवीस सरकार ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और NCP प्रमुख शरद पवार सहित अन्य नेताओं की फोन टैपिंग कराई थी। इसके लिए स्नूपिंग सॉफ्टवेयर समझने के लिए कुछ अधिकारियों को सरकार ने इजराइल भी भेजा था। उन्होंने सरकार पर निजी स्वार्थ के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया था।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी किया था आरोपों का समर्थन
गृह मंत्री के आरोपों का शिवसेना सांसद संजय राउत ने समर्थन किया था। उन्होंने ट्वीट कर कहा था, 'आपके फोन टैप हो रहे हैं...ये जानकारी मुझे भाजपा के एक वरिष्ठ मंत्री ने भी दे रखी थी। मैने कहा था- भाई साहब...मेरी बात अगर कोई सुनना चाहता है तो स्वागत है... मैं बालासाहेब ठाकरे जी का चेला हूं। कोई बात या काम छुप-छुपकर नहीं करता...सुनो मेरी बात।' इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था।
देवेन्द्र फडणवीस ने किया था आरोपों का खंडन
भाजपा नेता व पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने गृह मंत्री के आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि उनकी सरकार में किसी भी नेता के फोन टैप नहीं कराए गए थे। फोन टैप करना महाराष्ट्र की राजनीतिक संस्कृति नहीं है। उन्होंने आगे कहा थे कि यदि सरकार को लगता है कि ऐसा कुछ किया गया था तो उनके हाथों में सत्ता है और वह पूरी तरह से मामले की जांच कराने के लिए स्वतंत्र है।