
#NewsBytesExplainer: भ्रष्टाचार से लेकर हिंदुत्व तक, छत्तीसगढ़ चुनाव के प्रमुख मुद्दे क्या हैं?
क्या है खबर?
नवंबर में छत्तीसगढ़ समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। पिछले चुनाव की तरह इस बार भी छत्तीसगढ़ में 2 चरणों में 7 और 17 नवंबर को मतदान होगा, जबकि 3 दिसंबर को सभी राज्यों के साथ नतीजे घोषित होंगे।
छत्तीसगढ़ की सत्ता पर कांग्रेस काबिज है और यहां भाजपा उसे सत्ता से बेदखल करने के लिए पूरा जोर लगा रही है।
आइए जानते हैं कि छत्तीसगढ़ चुनाव में इस बार कौन से प्रमुख मुद्दे हावी रहेंगे।
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भ्रष्टाचार
छत्तीसगढ़ चुनाव में भ्रष्टाचार एक प्रमुख मुद्दा है। यहां कांग्रेस सरकार कोयला खनन, परिवहन और अन्य विभागों से जुड़े कथित घोटाले के आरोपों का सामना कर रही है।
इन मामलों में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कई करीबी नेता प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रडार पर हैं।
भाजपा के नेता अपनी चुनावी रैलियों में बघेल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं। बघेल इन आरोपों को खारिज करते हुए केंद्र पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगा चुके हैं।
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आरक्षण
छत्तीसगढ़ चुनाव में आरक्षण भी प्रमुख मुद्दा है। पिछले साल छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने राज्य में 58 प्रतिशत आरक्षण को निरस्त कर दिया था, जिसे सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
बाद में सरकार ने विधानसभा में एक विधेयक पारित किया, जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) समेत अन्य को 76 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान था। हालांकि, इसे राज्यपाल ने मंजूरी नहीं दी।
मई, 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 58 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की अनुमति दे दी।
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हिंदुत्व
छत्तीसगढ़ में भाजपा हिंदुत्व, धर्म परिवर्तन और लव जिहाद जैसे मुद्दों को लेकर बघेल सरकार पर हमलावर है, जिस वजह से चुनाव में हिंदुत्व भी एक मुद्दा है।
बीते 2 सालों में राज्य में आदिवासी बहुल इलाकों में धर्म परिवर्तन को लेकर कई हिंसक झड़पें हुई हैं। यहां ईसाई और गैर-ईसाई समुदाय के बीच तनाव देखा गया है।
बघेल ने रामायण महोत्सव जैसे आयोजनों से 'सॉफ्ट हिंदुत्व' का कार्ड खेलकर इस मामले में नुकसान कम करने की कोशिश की है।
क्षेत्रवाद
क्षेत्रवाद
मुख्यमंत्री बघेल ने पिछले 5 सालों में 'छत्तीसगढ़ियावाद' यानि क्षेत्रवाद को बढ़ावा दिया है। कांग्रेस का दावा है कि 15 साल के भाजपा शासनकाल में छत्तीसगढ़वासी पूरी तरह से हाशिये पर थे।
बघेल ने यहां क्षेत्रीय त्योहारों, खेल, कला और संस्कृति को बढ़ावा दिया है। उन्होंने हर जिले में 'छत्तीसगढ़ महतारी' की एक प्रतिमा लगाने के आदेश दिए हैं।
बघेल ने राज्य में पहला राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव करवाया। इन वजहों से क्षेत्रवाद भी यहां एक प्रमुख चुनावी मुद्दा है।
किसान
किसान
छत्तीसगढ़ सरकार की 3 प्रमुख किसान हितैषी योजनाओं से राज्य के किसानों की स्थिति मजूबत हुई है।
सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना और राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत किसान परिवारों को सब्सिडी और वित्तीय सहायता मुहैया करवाई है।
बघेल सरकार द्वारा राज्य में चलाई जा रहीं ये किसान हितैषी योजनाएं भाजपा के लिए चुनौती खड़ी कर सकती हैं। वह भी किसानों को लुभाने की कोशिश में है।
संविदा
संविदा कर्मचारी
पिछले चुनाव में कांग्रेस ने राज्य के संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था, जो अभी तक पूरा नहीं हुआ है।
राज्य में बीते सालों से लगभग 1.50 लाख संविदा और आउटसोर्स कर्मचारी इस मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन करते आ रहे हैं।
इस कारण इस चुनाव में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का मुद्दा प्रमुख रहेगा। भाजपा ने भी अपने चुनावी घोषणापत्र में इन्हें नियमित करने का वादा किया है।
मुख्यमंत्री चेहरा
न्यूजबाइट्स प्लस
छत्तीसगढ़ चुनाव के लिए कांग्रेस ने इस बार मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।
2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 68 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी, जिसके बाद बघेल और टीएस सिंहदेव के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर तनातनी देखने को मिली थी।
चुनाव से पहले इस संघर्ष को थामने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने जून, 2023 में सिंहदेव को उपमुख्यमंत्री बनाया और दोनों नेताओं ने एकजुट होकर चुनाव लड़ने पर हामी भरी। अभी दोनों रेस में हैं।