पुलिस अधिकारियों का सत्ताधारी पार्टियों का साथ देना 'परेशान करने वाला'- सुप्रीम कोर्ट
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने आज पुलिस और सत्ताधारी पार्टियों के बीच गठजोड़ पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि ये परेशान करने वाला है कि देशभर में पुलिस अधिकारी सत्ताधारी पार्टियों का पक्ष लेते हैं।
मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमन्ना ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, "वो पुलिस अधिकारी जो सत्ताधारी पार्टियों की नजरों में अच्छा दिखना चाहते हैं, वे अपने शक्ति का दुरुपयोग करते हैं और उनके राजनीतिक विरोधियों को प्रताड़ित करते हैं।"
बयान
विरोधी पार्टियां सत्ता में आने पर करती हैं पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई- CJI
CJI रमन्ना ने कहा कि जब बाद में विरोधी पार्टियां सत्ता में आती हैं तो इन्हीं पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हैं। उन्होंने कहा कि इस हालात के लिए पुलिस विभाग को ही जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उन्हें कानून का पालन करना चाहिए।
मामला
छत्तीसगढ़ के निलंबित पुलिस अधिकारी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के निलंबित अपर पुलिस महानिदेशक गुरजिंदर पाल सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की।
सिंह पर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने राजद्रोह और आय से अधिक संपत्ति के मामले दर्ज किए हैं। उन्होंने इन मामलों के खिलाफ दो याचिकाएं दायर की हैं जिनमें से एक में मामलों को रद्द करने और दूसरी याचिका में मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से कराने की मांग की गई है।
दलील
गुरजिंदर ने कहा- भाजपा के करीब होने के कारण कांग्रेस सरकार कर रही कार्रवाई
गुरजिंदर पाल सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान दलील दी कि कांग्रेस सरकार उनके खिलाफ इसलिए कार्रवाई कर रही है क्योंकि उन्हें पिछली भाजपा सरकार के नजदीक माना जाता है।
वहीं छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी से कहा कि गुरजिंदर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी होने के बावजूद फरार हैं और दो महीने से छिपे हुए हैं। उन्होंने कहा कि सिंह के खिलाफ हिंदी में काफी सामग्री मिली है।
जानकारी
कोर्ट ने चार हफ्ते तक सिंह की गिरफ्तारी पर लगाई रोक
दोनों तरफ की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को चार हफ्ते तक राजद्रोह और आय से अधिक संपत्ति के मामले में सिंह को गिरफ्तार न करने का आदेश दिया है, वहीं सिंह को जांच में सहयोग करने को कहा गया है।
कार्रवाई
छापे में गुरजिंदर सिंह के पास मिली थी 10 करोड़ से अधिक की चल-अचल संपत्ति
बता दें कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में भ्रष्टाचार रोधी शाखा (ACB) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने गुरजिंदर पाल सिंह के घर पर छापा भी मारा था और ये छापा लगभग 64 घंटे चला था।
अधिकारियों ने छापे के बाद सिंह के पास 10 करोड़ रुपये से अधिक की चल-अचल संपत्ति होने का दावा किया था। इसके बाद राज्य सरकार ने उन्हें सेवाओं से निलंबित कर दिया था।