#NewsBytesExplainer: इंडिया AI कार्यक्रम क्या है और इसके जरिए देश को कहां पहुंचाने की तैयारी?
क्या है खबर?
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने इंडिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कार्यक्रम पर लंबे समय से प्रतीक्षित रिपोर्ट जारी की है।
यह रिपोर्ट 6 समूहों द्वारा 4 महीने के कठोर विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया एक व्यापक दस्तावेज है। यह देश में AI और रोबोटिक्स के लिए व्यापक राष्ट्रीय रणनीति क्षेत्रों के लिए प्राथमिक या मौलिक ब्लूप्रिंट के रूप में कार्य करता है।
जान लेते हैं इंडिया AI कार्यक्रम और इसके उद्देश्य और योजनाओं के बारे में।
रोडमैप
रिपोर्ट में क्या है?
देश के AI कार्यक्रम के लिए रोडमैप का अनावरण करते हुए केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि इसका उद्देश्य जनरेटिव AI जैसे तकनीक का पीछा करना नहीं है। यह एक रणनीतिक पहल है, जो तकनीकी दुनिया में भारत के भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगी।
उन्होंने कहा कि यह भारत को वैश्विक AI और रोबोटिक्स में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने के लिए आगामी कई वर्षों की AI रणनीति और राष्ट्रीय रोबोटिक्स नीति की शुरुआत है।
डिजिटल
इस कार्यक्रम का प्राथमिक लक्ष्य क्या है?
इंडिया AI कार्यक्रम का प्राथमिक लक्ष्य भारत की बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए AI का इस्तेमाल करना है। AI के जरिए डिजिटल अर्थव्यवस्था को लगभग 83 लाख करोड़ रुपये के मूल्यांकन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
यह रिपोर्ट डाटा के महत्व पर भी प्रकाश डालती है, जिसमें भारत डाटा सेट प्लेटफॉर्म के निर्माण की कल्पना की गई है। इस डाटा सेट प्लेटफॉर्म का लक्ष्य विभिन्न डाटा की उपलब्धता को सुविधाजनक बनाना है।
प्रशिक्षित
डाटा सेट का होगा ये इस्तेमाल
डाटा सेट्स का उपयोग मल्टी पैरामीटर AI मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए किया जाएगा।
ये डाटासेट इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय के एक स्वतंत्र कार्यालय द्वारा इंडिया डाटासेट प्लेटफॉर्म के जरिए से इंटीग्रेटेड तरीके से उपलब्ध कराए जाएंगे।
इन डाटासेट में सरकारी और निजी दोनों ही क्षेत्र का डाटा शामिल होगा। इस डाटा-ड्रिवेन दृष्टिकोण से नवाचार को बढ़ावा मिलने और AI इस्तेमाल की क्षमताओं में वृद्धि होने की उम्मीद है।
कंप्यट
AI कंप्यूटर प्लेटफॉर्म का प्रस्ताव
इंडिया AI रिपोर्ट में निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप MeitY ने एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के प्रोजेक्ट इंडिया AI कंप्यूटर प्लेटफॉर्म की स्थापना का भी प्रस्ताव प्रस्तुत किया है।
इसके जरिए ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) क्षमता के विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
इस प्रयास का उद्देश्य AI जरूरतों और रिसर्च के लिए जरूरी कंप्यूटेशन शक्ति प्रदान करना, इनोवेशन और इस क्षेत्र के विकास के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देना है।
सेमीकंडक्टर
सेमीकंडक्टर विकास के लिए रोडमैप
इंडिया AI सेमीकंडक्टर के विकास के लिए भी रोडमैप पेश करती है।
इसमें AI और रोबोटिक्स उद्योगों के विकास को सपोर्ट करने के लिए घरेलू चिप मैन्युफैक्चरिंग की जरूरत को रेखांकित किया गया है।
माना जा रहा है कि यह पहल वैश्विक स्तर पर भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएगी।
इसमें इंडिया AI और सेमीकॉन इंडिया के बीच साझेदारी होगी, जिसका उद्देश्य AI चिप्स और कंप्यूटिंग हार्डवेयर की अगली पीढ़ी की तरक्की के लिए धन उपलब्ध कराना है।
क्षमता
रोबोटिक्स रणनीति में शामिल किए ये 3 नए क्षेत्र
इंडिया AI रिपोर्ट जारी करने के दौरान चंद्रशेखर ने कहा कि AI कई क्षेत्रों को बदल और भारत के स्टार्टअप और एंटरप्रेन्योरशिप इकोसिस्टम को प्रोत्साहित कर सकता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की क्षमता को देखते हुए रोबोटिक्स रणनीति में 3 नए क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है।
अब रोबोटिक्स रणनीति के तहत उल्लिखित 4 प्रमुख क्षेत्रों कृषि, स्वास्थ्य सेवा, राष्ट्रीय सुरक्षा और मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ फिनटेक, शासन और शिक्षा जैसे मुख्य क्षेत्रों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।