मध्य प्रदेश से भाजपा के राज्यसभा उम्मीदवार होंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया

कांग्रेस से बगावत करके भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा का टिकट दिया गया है। सिंधिया को मध्य प्रदेश से भाजपा का राज्यसभा उम्मीदवार बनाया घोषित किया गया है। 26 मार्च को राज्य की तीन राज्यसभा सीटों पर चुनाव होना है। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 13 मार्च है। भाजपा ने इसके अलावा बिहार, असम, गुजरात, झारखंड, मणिपुर, महाराष्ट्र और राजस्थान से भी उम्मीदवारों की घोषणा की है।
List of BJP candidates for Rajya Sabha elections. @JM_Scindia has been nominated from Madhya Pradesh @ThePrintIndia pic.twitter.com/QgMP3jaDpu
— Neelam Pandey (@NPDay) March 11, 2020
पार्टी में किनारे किए जाने से नाराज चल रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के बाद कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद छह मंत्रियों समेत उनके खेमे के 22 कांग्रेस विधायकों ने भी अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद सिंधिया आज भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए।
कांग्रेस से सिंधिया की बगावत की एक वजह मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को भी माना जा रहा है। दरअसल, मध्य प्रदेश की जिन तीन सीटों पर राज्यसभा चुनाव होने हैं, उनमें से एक कांग्रेस के खाते में जाना पक्का है जबकि एक सीट को वो निर्दलीय विधायकों के समर्थन से जीत सकती है। सिंधिया अपने लिए पक्की वाली सीट चाहते थे, लेकिन कांग्रेस इससे दिग्विजय सिंह को राज्यसभा भेजना चाहती है। इसी कारण सिंधिया ने बगावत कर दी।
सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफे के बाद से ही तय माना जा रहा था कि भाजपा उनको अपनी टिकट पर राज्यसभा भेज सकती है। मंगलवार शाम को भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई जिसमें राज्यसभा उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा हुई। माना जा रहा है कि इसी बैठक में सिंधिया के नाम पर मुहर लगी। अब सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद उनकी राज्यसभा उम्मीदवारी की आधिकारिक घोषणा कर दी गई।
मध्य प्रदेश की जिन तीन राज्यसभा सीटों पर चुनाव होना है, वे कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और भाजपा के प्रभात झा और सत्यनारायण जटिया का कार्यकाल समाप्त होने पर खाली हो रही हैं। इनमें से एक-एक सीट भाजपा और कांग्रेस के खाते में जाना तय माना जा रहा है। तीसरी सीट का गणित बहुत हद तक कांग्रेस के 22 बागी विधायकों पर निर्भर करता है और अगर वे वापस नहीं लौटते तो भाजपा इसे जीत सकती है।
खबरों के अनुसार, सिंधिया के राज्यसभा पहुंचने के बाद उन्हें मोदी सरकार की कैबिनेट में भी जगह मिल सकती है। हालांकि अभी तक इस मुद्दे पर भाजपा शीर्ष नेतृत्व की ओर से कोई बयान नहीं आया है।