भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया, नड्डा की मौजूदगी में ली सदस्यता
क्या है खबर?
कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं।
मंगलवार को कांग्रेस छोड़ने के बाद से ही ये कयास लगाए जा रहे थे कि सिंधिया भाजपा का दामन थामेंगे।
उनका बुधवार सुबह 12:30 बजे भाजपा की सदस्यता लेने का कार्यक्रम था, लेकिन वो 2 बजे के बाद भाजपा कार्यालय पहुंचे और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए।
उधर कमलनाथ सरकार से खतरे के बादल हटे नहीं हैं।
बयान
कांग्रेस पहले जैसी पार्टी नहीं रही- सिंधिया
सिंधिया ने कहा कि आज उनका मन व्यथित और दुखी है। कांग्रेस आज पहले जैसी पार्टी नहीं रही है। यहां नई विचारधारा और नेतृत्व को मान्यता नहीं मिल रही है।
उन्होंने कहा कि 2018 में जब राज्य में कांग्रेस सरकार बनी तो सपना था, लेकिन वो बिखर चुका है। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने वादे पूरे नहीं किए हैं। इस पार्टी में रहते हुए जनसेवा नहीं की जा सकती। मध्य प्रदेश में ट्रांसफर माफिया का उद्योग चल रहा है।
बयान
मेरे जीवन में आज का दिन अहम- सिंधिया
भाजपा में शामिल होने के बाद सिंधिया ने कहा, "मेरे जीवन में दो तारीख काफी बड़ी रही हैं। पहली तारीख 30 सितंबर, 2010 थी, जिस दिन मैंने अपने पिता को खोया, वो दिन मेरे लिए जिंदगी बदलने वाला था। दूसरी तारीख 10 मार्च, 2020 की है, जिस दिन मैंने जीवन में बड़ा फैसला लिया है।"
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें नया मंच दिया है।
ट्विटर पोस्ट
जेपी नड्डा के साथ सिंधिया
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा: मैं इनको(ज्योतिरादित्य सिंधिया) ये विश्वास दिलाता हूं कि इनको भाजपा में मुख्यधारा में काम करने का पूरा मौका मिलेगा। pic.twitter.com/1pgW8G46pQ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 11, 2020
वजह
सिंधिया ने क्यों छोड़ी कांग्रेस?
सिंधिया की कांग्रेस छोड़ने की मुख्य वजह पार्टी में उन्हें लगातार दरकिनार किया जाना था और ये सिलसिला 2018 में हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के बाद से ही चल रहा था।
जीत के बाद सिंधिया को मुख्यमंत्री पद का अहम उम्मीदवार माना जा रहा था, लेकिन अंत में इस रेस में बाजी कमलनाथ के हाथ लगी। इस बीच कमलनाथ राज्य कांग्रेस के प्रमुख भी बने रहे और यहीं से सिंधिया की नाराजगी की शुरूआत हुई।
ट्विटर पोस्ट
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने ऐसे किया सिंधिया का स्वागत
स्वागत है महाराज, साथ है शिवराज। @JM_Scindia
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) March 11, 2020
बगावत की वजह
मौजूदा घटनाक्रम की जड़ में राज्यसभा सीट
अब जब मध्य प्रदेश से राज्यसभा चुनाव की बारी आई तो यहां भी कांग्रेस की ओर से सिंधिया को कम महत्व दिया गया।
दरअसल, मध्य प्रदेश की दो राज्यसभा सीटों पर जल्द ही चुनाव होने हैं और इनमें से एक सीट कांग्रेस के खाते में जाना पक्का है जबकि दूसरी सीट को वो निर्दलीय विधायकों के समर्थन से जीत सकती है।
सिंधिया अपने लिए पक्की वाली सीट चाहते थे, लेकिन कांग्रेस इससे दिग्विजय सिंह को राज्यसभा भेजना चाहती है।
ट्विटर पोस्ट
सिंधिया की बुआ वसुंधरा राजे की प्रतिक्रिया
आज यदि राजमाता साहब हमारे बीच होतीं तो आपके इस निर्णय पर जरूर गर्व करती। ज्योतिरादित्य ने राजमाता जी द्वारा विरासत में मिले उच्च आदर्शों का अनुसरण करते हुए देशहित में यह फैसला लिया है, जिसका मैं व्यक्तिगत और राजनीतिक दोनों ही तौर पर स्वागत करती हूं।@JM_Scindia@BJP4India
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) March 11, 2020
प्रतिक्रिया
मध्य प्रदेश के हालातों पर क्या बोले संजय राउत?
दूसरी तरफ महाराष्ट्र में मध्य प्रदेश जैसे हालात पैदा होने के सवाल पर शिवसेना नेता संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा, "भाजपा ने कोशिश की थी यहां सरकार बनाने की। ऑपरेशन उसके ऊपर ही उल्टा पड़ गया था। यहां हमारे जैसे बहुत सर्जन बैठे हैं ऑपरेशन करने के लिए, जो ऑपरेशन करने आएगा उसका ऑपरेशन कर देंगे।"
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में असंतोष है, ज्योतिरादित्य सिंधिया को महत्व दिया जाना चाहिए था।