जम्मू-कश्मीर का दौरा करेंगे 36 केंद्रीय मंत्री, अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फायदे बताएंगे
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के पांच माह बाद भी वहां की स्थिति पर संशय बरकरार है। यही कारण है कि वहां अभी भी इंटरनेट लॉकडाउन चल रहा है। राज्य के हालतों को सामान्य बनाने और लोगों के नजरिए का पता लगाने के लिए अब केन्द्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत केन्द्र सरकार के 36 केंद्रीय मंत्री इसी माह जम्मू-कश्मीर का दौरा करेंगे और लोगों को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फायदों से जागरूक करेंगे।
सात दिन में दौरा पूरा करेंगे सभी मंत्री
केंद्रीय मंत्रियों का यह दौरान गृहमंत्री अमित शाह की पहल माना जा रहा है। 17 जनवरी को केंद्रीय मंत्री परिषद की बैठक में पूरा शेड्यूल बनाया जाएगा। कहा जा रहा है कि रेल और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल 19 जनवरी और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद 23 जनवरी को दौरा करेंगे। शेष मंत्री 18 से 24 जनवरी के बीच दौरे पर जाएंगे। इस दौरान सभी मंत्री कुल 59 शहरों में जाएंगे। इनमें 51 जम्मू के और आठ शहर कश्मीर के होंगे।
ये केंद्रीय मंत्री जाएंगे दौरे पर
दौरे के लिए चयनित मंत्रियों के सूची में केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और राज्यमंत्रियों को शामिल किया गया है। इसमें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और रविशंकर प्रसाद के अलावा स्मृति ईरानी, किरण रिजिजू, श्रीपद नाइक, गिरिराज सिंह, जूनियर गृह मंत्री जी किशन रेड्डी और जूनियर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह को शामिल किया गया है। इनके साथ अन्य मंत्री भी दौरे पर जाएंगे।
जनता को बताएंगे अनुच्छेद 370 हटने के सकारात्मक प्रभाव
दौरे पर जाने वाले सभी केंद्रीय मंत्री लोगों को अनुच्छेद 370 हटने के बाद राज्य में आए सकारात्मक प्रभावों के बारे में जागरुक करेंगे। इसके अलावा उन्हें इसके दूरगामी परिणामों से भी अवगत कराया जाएगा। लोगों को बताया जाएगा कि सरकार के इस फैसले ने राज्य को विशेष स्थिति प्रदान की है और इससे लोगों को सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा। वहां के लोगों को सरकार की नई योजनाओं की भी जानकारी दी जाएगी।
15 देशों के राजनयिक भी कर चुके हैं दौरा
सरकार ने गत 9 जनवरी को 15 राष्ट्रों के राजनयिकों को जम्मू-कश्मीर का दौरा कराकर वहां की स्थिति से अवगत कराया था। राजनयिकों ने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के साथ स्थानीय लोगों से भी बात की थी। राजनयिक वहां के हालतों से खुश नजर आए थे। हालांकि, कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों ने इस दौरे को लेकर सरकार पर दोहरे मानदंड अपनाने का आरोप लगाया था। यूरोपीय संघ के 23 सांसद भी वहां का दौरा कर चुके हैं।
सामान्य हो रहे जम्मू-कश्मीर के हालात
सरकार की मानें तो जम्मू-कश्मीर के हालात अब सामान्य हो रहे हैं। अनुच्छेद हटाए जाने के बाद किए गए इंटनरेट लॉकडाउन में अब थोड़ी राहत दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का अनुपालन में प्रशासन ने जम्मू संभाग के पांच जिलों में पोस्टपेड कनेक्शनों पर 2G इंटरनेट सेवाओं की बहाली कर दी और जम्मू और कश्मीर दोनों डिवीजनों में आवश्यक सेवाओं में ब्रॉडबैंड सुविधाएं चालू कर दी। हिरासत में लिए कई नेताओं को रिहा कर दिया गया है।
5 अगस्त को हटाया था अनुच्छेद 370
सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का विभाजन जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख के दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का फैसला किया था। एहतिआत के तौर पर पाबंदियां लगाई गई थी। विपक्ष ने इस पर काफी बवाल मचाया था। सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका लगी थी, जिस पर सुनवाई जारी है। पाकिस्तान मामले को विश्व स्तर पर भी ले गया था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उसे मुहं की खानी पड़ी।