संसद में प्रधानमंत्री मोदी ने की राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन की घोषणा
क्या है खबर?
बुधवार को संसद में प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' नामक ट्रस्ट का गठन किए जाने की घोषणा की।
प्रधानमंत्री मोदी ने सदन को जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार राम मंदिर निर्माण के लिए पूरी योजना तैयार कर ली है।
उन्होंने सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन देने और गैर-विवादित 67 एकड़ जमीन को ट्रस्ट को देने के फैसले का ऐलान भी किया।
अयोध्या फैसला
क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
अयोध्या भूमि विवाद में 9 नवंबर, 2019 को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने विवादित 2.77 एकड़ जमीन पर राम मंदिर निर्माण का आदेश दिया था। कोर्ट ने केंद्र सरकार को मंदिर निर्माण के लिए तीन महीने के अंदर एक ट्रस्ट बनाने को कहा था।
इसके अलावा कोर्ट ने मस्जिद निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही पांच एकड़ जमीन देने का आदेश भी दिया था।
केंद्रीय मंत्रिमंडल
आज सुबह केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लिया फैसला
आज सुबह केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के अनुसार ट्रस्ट के निर्माण और अन्य मुद्दों पर फैसला लिया गया।
संसद को इस फैसले की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में कहा, "मेरी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार श्री राम जन्मस्थलि पर भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए और इससे संबंधित अन्य विषयों के लिए एक वृहत योजना तैयार की है।"
ट्रस्ट का गठन
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' ट्रस्ट के गठन का प्रस्ताव पारित- प्रधानमंत्री मोदी
संसद को ट्रस्ट निर्माण की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार एक स्वायत्त ट्रस्ट 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' का गठन करने का प्रस्ताव पारित किया गया है।"
उन्होंने बताया कि ये ट्रस्ट अयोध्या में भगवान श्री राम की जन्मस्थलि पर भव्य और दिव्य श्री राम मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय लेने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा।
बयान
सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "सर्वोच्च अदालत के आदेशानुसार गहन विचार-विमर्श और संवाद के बाद अयोध्या में पांच एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को आवंटित करने का अनुरोेध उत्तर प्रदेश सरकार से किया गया। इस पर राज्य सरकार ने भी अपनी सहमति प्रदान कर दी है।"
अन्य फैसला
ट्रस्ट को दी जाएगी गैर-विवादित 67 एकड़ जमीन
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने श्रद्धालुओं की संख्या और उनकी भावनाओं को ध्यान में रखते हुए अयोध्या में गैर-विवादित 67 एकड़ जमीन को भी ट्रस्ट को देने की जानकारी भी दी।
उन्होंने कहा, "मेरी सरकार ने फैसला किया है कि अयोध्या कानून के तहत अधिकृत संपूर्ण भूमि, जो लगभग 67.703 एकड़ है और जिसमें भीतरी और बाहरी आंगन भी सम्मलित है, उसे नवगठित श्री राम को हस्तांतरित किया जाए।"
इस जमीन को 1993 में केंद्र सरकार ने अधिकृत किया था।
बयान
ट्रस्ट के 15 सदस्यों में हमेशा एक दलित होगा- अमित शाह
ट्रस्ट के बारे में जानकारी देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर बताया कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी होंगे जिसमें से एक ट्रस्टी हमेशा दलित समाज से रहेगा। अन्य 15 सदस्य कौन-कौन होंगे, इसकी अभी जानकारी नहीं है।
राजनीति
राम मंदिर निर्माण रहा है भाजपा का एक बड़ा मुद्दा
बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भाजपा का एक बड़ा और पुराना राजनीतिक मुद्दा रहा है।
1980 और 1990 के दशक में पार्टी ने इसे लेकर आंदोलन चलाया था और लालकृष्ण आडवाणी ने रथ यात्रा निकाली थी।
2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से ही उसके वैचारिक समर्थक उस पर मंदिर निर्माण पर फैसला करने का दबाव बना रहे थे, जो सु्प्रीम कोर्ट के फैसले के बाद खत्म हुआ।
दिल्ली विधानसभा चुनाव
चुनाव आयोग ने कहा, आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 8 फरवरी को वोटिंग से तीन दिन पहले ट्रस्ट निर्माण की इस घोषणा से आदर्श आचार संहित के उल्लंघन को लेकर भी कुछ सवाल उठ रहे हैं। हालांकि चुनाव आयोग ने फैसले में कुछ भी गलत नहीं पाया है।
आयोग ने कहा कि इसके लिए किसी अनुमति की जरूरत नहीं थी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार ट्रस्ट बनाने की डेडलाइन 9 फरवरी थी और सरकार को इससे पहले रिपोर्ट दायर करनी है।