संसद में लिखित जवाब में सरकार ने कहा- देशव्यापी NRC पर अभी तक कोई फैसला नहीं
क्या है खबर?
नागरिकता कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) के खिलाफ देशभर में हो रहे प्रदर्शनों के बीच केंद्र सरकार ने संसद में साफ किया कि देशभर में NRC कराने पर अभी तक कई फैसला नहीं लिया गया है।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में अपने लिखित जवाब में ये बात कही है।
इस जवाब को विरोध प्रदर्शनों के बाद केंद्र सरकार के नरम होते रुख का प्रतीक माना जा रहा है।
पृष्ठभूमि
भाजपा ने घोषणापत्र में किया था देशव्यापी NRC का वादा
भाजपा ने पूरे देश में घुसपैठियों की पहचान करने और उन्हें बाहर निकालने के लिए 2019 लोकसभा चुनाव के अपने घोषणापत्र में देशभर में NRC कराने का वादा किया था।
सरकार बनने के बाद इस वादे को खुद गृह मंत्री अमित शाह ने इस वादे को बार-बार दोहराया और क्रॉनोलॉजी समझाते हुए CAA के बाद देशव्यापी NRC लाने की बात कही।
दिसंबर में संसद में CAA पर बहस के दौरान भी उन्होंने कहा कि NRC आने वाला है।
विरोध प्रदर्शन
CAA पारित होते हुए शुरू हुए देशभर में प्रदर्शन
लेकिन CAA-NRC का साथ प्रयोग करके मुस्लिमों के साथ भेदभाव की आशंका के कारण संसद से CAA पारित होते ही देशभर में प्रदर्शन शुरू हो गए।
विरोधियों ने आशंका जताई कि देशव्यापी NRC में जो भी लोग अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाएंगे, उनमें से गैर-मुस्लिम लोगों को तो CAA के जरिए फिर से नागरिकता मिल जाएगी, लेकिन मुस्लिमों के पास कोई भी विकल्प नहीं बचेगा और उन्हें अपनी नागरिकता से हाथ धोना पड़ेगा।
असर
प्रदर्शनों के कारण सरकार को वापस खींचने पड़े कदम
ये प्रदर्शन इतने जबरदस्त रहे कि मोदी सरकार को NRC पर अपने कदम वापस खींचने पड़े।
खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार आने के बाद NRC शब्द पर कोई चर्चा नहीं हुई है।
उनके इस बयान के बाद अमित शाह के रुख में भी नरमी आई और उन्होंने कहा कि सरकार या कैबिनेट में NRC पर कोई चर्चा नहीं हुई है।
लिखित जवाब
अब लिखित जवाब में गृह मंत्रालय ने स्पष्ट की स्थिति
संसद में NRC पर गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय का लिखित जवाब इसी कड़ी का हिस्सा है।
अपने जवाब में उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटिजंस (NRIC) तैयार करने पर सरकार ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है।"
उन्होंने कहा कि इस कारण देशव्यापी NRC के क्या नियम होंगे और इससे नागरिकों पर क्या अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, इसका सवाल ही पैदा नहीं होता।
हालांकि उनके जवाब में NPR पर कुछ नहीं कहा गया है।
बजट सत्र
CAA, NRC और NPR पर बहस की मांग कर रहा है विपक्ष
बता दें कि बजट सत्र शुरू होेने के बाद से ही विपक्षी दल संसद में CAA, NRC और NPR पर बहस की मांग कर रहे हैं और इसे लेकर लगातार हंगामा हो रहा है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, DMK, CPI और ,CPI(M) नियम 267 के तहत नोटिस देते हुए सभी कार्यों को स्थगित करके CAA, NRC और NPR पर बहस की मांग कर चुके हैं।
असम NRC
अभी तक केवल असम में हुई है NRC
बता दें कि अभी तक असम एकमात्र ऐसा राज्य है जहां NRC हुई है। यहां सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर NRC हुई थी और इसकी अंतिम सूची से 19 लाख से ज्यादा लोग बाहर हुए हैं।
हालांकि, इनमें जो भी गैर-मुस्लिम लोग हैं उन्हें CAA के जरिए नागरिकता वापस मिल सकती है।
इसी कारण असम में CAA का जबरदस्त विरोध हो रहा है क्योंकि यहां के लोग किसी भी धर्म को बाहरी व्यक्ति को नागरिकता देने के खिलाफ हैं।