
आईफोन निर्यात से भारत के स्मार्टफोन शिपमेंट में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई
क्या है खबर?
भारत से स्मार्टफोन का निर्यात तेजी से बढ़ रहा है। 2025 की पहली छमाही में यह सालाना आधार पर 30 प्रतिशत बढ़कर 4 करोड़ यूनिट तक पहुंच गया। काउंटरपॉइंट रिसर्च के मुताबिक, इसमें सबसे बड़ा योगदान ऐपल का रहा, जिसका निर्यात 53 प्रतिशत बढ़ा और पहली बार 2 करोड़ यूनिट को पार कर गया। अमेरिका को आईफोन की भारी आपूर्ति ने इस वृद्धि को बल दिया और भारत को चीन के बाहर मजबूत मैन्युफैक्चरिंग विकल्प के रूप में स्थापित किया।
प्रदर्शन
अन्य कंपनियों का प्रदर्शन
सैमसंग और मोटोरोला का प्रदर्शन भी चर्चा में रहा। सैमसंग का निर्यात केवल 1 प्रतिशत बढ़ा और इसका बड़ा हिस्सा यूरोप भेजा गया। हालांकि, अमेरिका को निर्यात कम आधार से 268 प्रतिशत उछला। गैलेक्सी A सीरीज इसका मुख्य आधार रही। मोटोरोला ने शानदार प्रदर्शन किया, जिसका निर्यात 7 गुना बढ़कर 10 लाख यूनिट हो गया। इसके 95 प्रतिशत शिपमेंट अमेरिका को भेजे गए और यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक बन गया।
बाजार
बदलते बाजार की तस्वीर
भारत से निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी 54 प्रतिशत तक पहुंच गई, जबकि यूरोप का हिस्सा घटकर 27 प्रतिशत रह गया। इसका कारण यह रहा कि ऐपल ने अमेरिका के लिए शिपमेंट को प्राथमिकता दी। आईफोन 16, आईफोन 15 और 16e की बड़ी मांग ने निर्यात को बढ़ाया। विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में यूरोप की हिस्सेदारी फिर बढ़ सकती है, क्योंकि ऐपल और सैमसंग दोनों इस क्षेत्र के लिए भारत में निर्माण पर जोर दे रहे हैं।
चुनौतियां
घरेलू उत्पादन और भविष्य की चुनौतियां
भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग पारिस्थितिकी तंत्र पिछले वर्षों में मजबूत हुआ है। अब देश में बिकने वाले 99 प्रतिशत स्मार्टफोन स्थानीय स्तर पर बनाए जाते हैं। उत्पादन 2015 में 18,900 करोड़ रुपये से बढ़कर 2025 में 5.45 लाख करोड़ रुपये हो गया और निर्यात 2 लाख करोड़ रुपये पार कर गया। विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि नीतिगत अनिश्चितता भविष्य की वृद्धि पर असर डाल सकती है। अमेरिकी टैरिफ छूट अस्थायी है, इसलिए कंपनियों को विविध बाजारों पर ध्यान देना होगा।