झारखंड में फिर सियासी हलचल; कांग्रेस के 8 नाराज विधायक दिल्ली पहुंचे, क्या है मांग?
झारखंड में चंपई सोरेन सरकार ने बहुमत की अग्निपरीक्षा तो पास कर ली है, लेकिन मुश्किलें अभी भी बनी हुई हैं। मंत्रिमंडल में जगह न मिलने पर कांग्रेस विधायकों की नाराजगी खुलकर सामने आ गई है। कांग्रेस के करीब 12 विधायक नाराज बताए जा रहे हैं, जिनमें से 8 दिल्ली पहुंच चुके हैं। इनके पीछे-पीछे मुख्यमंत्री चंपई सोरेन भी दिल्ली आए हैं। विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने से पहले विधायकों की नाराजगी ने सोरेन की चिंताई बढ़ा दी हैं।
क्या है नाराज विधायकों की मांग?
दरअसल हाल ही में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस कोटे से आलमगीर आलम, रामेश्वर ओरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख को दोबारा मंत्री बनाया गया है। नाराज विधायक इन चारों को सरकार से बाहर करने और नए लोगों को मौका देने की मांग कर रहे हैं। 16 फरवरी को भी नाराज विधायकों ने रांची के सर्किट हाउस में हंगामा किया और शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करने का ऐलान किया था।
कौन-कौन पहुंचा दिल्ली?
कांग्रेस के जो विधायक दिल्ली पहुंचे हैं, उनमें अनूप सिंह, दीपिका पांडे, अंबा प्रसाद, राजेश कश्यप, नमन विक्सल कोंगाडी, उमा शंकर अकेला, इरफान अंसारी और सोना राम सिंकू शामिल हैं। विधायक अनूप सिंह ने कहा, "हम दिल्ली पहुंच गए हैं। बाकी विधायक आज (18 फरवरी) को दिल्ली पहुंचेंगे। हम कांग्रेस नेतृत्व से चर्चा करेंगे। हम पार्टी के कोटे से बनाए गए चारों मंत्रियों को बदलना चाहते हैं। हम पार्टी को अपनी चिंताओं से अवगत कराने का प्रयास कर रहे हैं।"
चंपई सोरेन ने की खड़गे से मुलाकात
मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर 17 फरवरी को दिल्ली पहुंचे और आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की। मुलाकात से पहले सोरेन ने कहा, "यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है। इस पर हम कुछ कहना नहीं चाहते हैं। झारखंड में सियासी संकट की बात कोई नहीं है। हमारा गठबंधन पूरी तरह से मजबूत है।" ठाकुर ने कहा, "हम पार्टी के अन्य नेताओं से भी मिलेंगे। विधायक अपने मुद्दों को बताने के लिए दिल्ली आए हैं।"
भारी पड़ सकती है विधायकों की नाराजगी
चंपई सरकार को कांग्रेस के 17 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इनमें से 12 विधायक नाराज बताए जा रहे हैं। अगर ये 12 विधायक बजट सत्र में शामिल नहीं होते हैं तो सरकार के पास 35 विधायकों का समर्थन रहेगा। दूसरी ओर, विपक्ष के पास भी करीब 32 विधायकों का समर्थन है। ऐसे में विधायकों की नाराजगी भारी पड़ सकती है। सरकार के साथ ही कांग्रेस में भी टूट का खतरा मंडरा रहा है।
हेमंत सोरेन ने क्यों दिया था इस्तीफा?
31 जनवरी को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कथित जमीन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद हेमंत ने चंपई को मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया था। 2 फरवरी को चंपई ने झारखंड के मुख्यमंत्री की शपथ ली थी और 5 फरवरी को 47 विधायकों के समर्थन से बहुमत भी साबित कर दिया था। चंपई को कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का समर्थन प्राप्त है।