झारखंड: उद्घाटन के अगले दिन ही ढही नहर, विभाग ने ठहराया चूहों को जिम्मेदार
आज से लगभग 42 साल पहले झारखंड के हज़ारीबाग में एक नहर बनाने की योजना बनाई गई थी। शुरुआत में नहर का बजट 12 करोड़ था, जो नहर बनते-बनते 2,176 करोड़ रुपये तक पहुँच गया। हालाँकि, किसी तरह नहर बनकर तैयार हुई और मुख्यमंत्री रघुबर दास ने बुधवार को उसका उद्घाटन किया, लेकिन उद्घाटन के 24 घंटे बाद ही नहर ढह गई। जिसका ज़िम्मेदार चूहों को ठहराया गया। इस मामले में विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा है।
सरकार ने दिए पैनल जाँच के आदेश
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस घटना के बाद सरकार ने तीन सदस्यीय पैनल जाँच के आदेश दे दिए हैं और 24 घंटे में रिपोर्ट जमा करने के लिए भी कहा गया है।
कोनार जैसे आधे-अधूरे प्रोजेक्ट का उद्घाटन कर देती है सरकार- कांग्रेस नेता
कांग्रेस नेता आलोक दुबे ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "भाजपा सरकार दूसरे के कार्यों का श्रेय लेती है या कोनार जैसे आधे-अधूरे प्रोजेक्ट का उद्घाटन कर देती है।" वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, "सरकार ने 42 साल से बंद पड़े प्रोजेक्ट को शुरू करके अपनी पीठ थपथपाई।" उनका दावा है कि प्रोजेक्ट की कीमत 2,200 करोड़ रुपये है, जो 22 घंटे से भी कम समय में बह गया।
बागडोर ब्लॉक के 35 गाँव हो गए जलमग्न
बता दें कि हज़ारीबाग के विष्णुगढ़ में कोनार नदी सिंचाई परियोजना के तहत बनाई गई इस नहर के ढहने से पड़ोस के गिरिडीह जिले के बागडोर ब्लॉक के 35 गाँव जलमग्न हो गए हैं। मामले में बागडोर के विधायक नागेन्द्र महतो ने माँग कि है कि नहर बहने से जिन परिवारों का नुकसान हुआ है, उन्हें मुआवज़ा दिया जाए और मामले की गहनता से जाँच की जाए। राज्य सिंचाई विभाग ने इस घटना का ज़िम्मेदार चूहों को ठहराया है।
उद्घाटन के 10 घंटे बाद ही शुरू हो गया नहर से पानी बहना
सूत्रों ने बताया कि नहर के उद्घाटन के 10 घंटे बाद बुधवार की रात 08:30 बजे ही नहर से पानी बहना शुरू हो गया था। अतिरिक्त मुख्य सचिव (जल संसाधन) अरुण कुमार सिंह ने बताया है कि पैनल जाँच की अध्यक्षता जल संसाधन विभाग के एडवांस प्लानिंग डिविज़न के चीफ़ इंजीनियर करेंगे। कुमार ने बताया, "प्रारंभिक जानकारी के मुतबिक नहर के एक हिस्से में चूहों ने छेद कर दिया था, जिससे पानी बहने लगा और वह ढह गई।"
प्रोजेक्ट को 2021 में पूरा करने का था लक्ष्य
यह प्रोजेक्ट पिछले 42 सालों से रुका हुआ था, जिसे 2014 में दास सरकार द्वारा दोबारा शुरू किया गया। इस परियोजना में 357 किलोमीटर की नहर और 17 किलोमीटर की सुरंग शामिल थी। सुरंग का काम पूरा हो चुका था। वहीं, नहर का काम केवल 44% ही पूरा हुआ था, लेकिन उद्घाटन करने की जल्दी में उसे पूरा कर दिया गया। इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि प्रोजेक्ट को 2021 में पूरा करने का लक्ष्य था।