झारखंड: चंपई सोरेन ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, 10 दिन में साबित करना होगा बहुमत
झारखंड को 23 साल के भीतर अपना 12वां मुख्यमंत्री मिल गया है। चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। उनके साथ गठबंधन के साथी आलमगीर आलम और सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली। बता दें कि कल रात ही चंपई ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मिलकर 47 विधायकों के समर्थन का दावा किया था, जिसके बाद आज राज्यपाल ने उन्हें शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित किया।
क्या है विधानसभा की स्थिति?
बता दें कि झारखंड विधानसभा में कुल 81 सीटें हैं और बहुमत के लिए 41 सीटों का आवश्यकता है। चंपई अपने साथ 47 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं। खुद झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के 29, कांग्रेस के 16, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और CPI(ML) का एक-एक विधायक है। दूसरी ओर विपक्षी पार्टी भाजपा के 25 विधायक हैं। शपथ लेने के बाद अब 10 दिन के भीतर चंपई को बहुमत साबित करना होगा।
चंपई को विधायकों के टूटने का डर
सियासी उठापटक के बीच JMM को अपने विधायकों के टूटने का भी डर है। कल शाम गठबंधन के 38 विधायकों को हैदराबाद भेजा जा रहा था, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से विमान उड़ान नहीं भर सका। खबर है कि हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना को मुख्यमंत्री बनाए जाने की खबरों से उनकी भाभी सीता सोरेन नाराज चल रही हैं। सोरेन परिवार की बड़ी बहू होने के नाते वे भी मुख्यमंत्री पद पर दावा कर रही हैं।
भाजपा ने भी बुलाई बैठक
भाजपा ने भी आज विधायक दल की बैठक बुलाई है। इसमें विश्वास मत को लेकर रणनीति बनाई जाएगी। अटकलें हैं कि सीता के साथ JMM के 17-18 विधायक हैं। दूसरी ओर भाजपा को अपने 25 विधायकों के अलावा ऑल झारखण्ड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU) के 2 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के एक विधायक का समर्थन है। खबर है कि अगर सीता बगावत करती हैं तो भाजपा उन्हें बाहर से समर्थन दे सकती है।
हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से लगा झटका
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 31 जनवरी को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया था। इसके खिलाफ सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। आज सुप्रीम कोर्ट ने सोरेन की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि पहले आप हाई कोर्ट जाइए, वहां से अगर सुनवाई नहीं होती है तो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा का खुला है। सोरेन अब हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकते हैं।
कौन हैं चंपई सोरेन?
चंपई सरायकेला-खरसांवा जिले स्थित जिलिंगगोड़ा गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने 10वीं तक पढ़ाई की है। चंपई ने 1991 में अपना पहला चुनाव सरायकेला सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान लड़ा था। उन्होंने निर्दलीय होते हुए भी इस चुनाव में जीत हासिल की थी। इसके बाद वे JMM में शामिल हो गए और पिछली सरकारों में कई अहम मंत्रालयों को संभाल चुके हैं। उन्हें 'झारखंड का टाइगर' कहा जाता है।