कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ के साथ भाजपा में हो सकते हैं शामिल, अटकलें तेज
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब पार्टी को मध्य प्रदेश में झटका लग सकता है। अटकलें हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ के साथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं। नकुलनाथ ने अपने 'एक्स' बायो से कांग्रेस का नाम भी हटा लिया है, जिसके बाद इन अटकलों को और हवा मिल गई है। बता दें कि नकुलनाथ मध्य प्रदेश में कांग्रेस के इकलौते सांसद हैं।
हड़बड़ी में दिल्ली आए कमलनाथ और नकुल
कमलनाथ और नकुलनाथ का 5 दिनों का छिंदवाड़ा दौरा प्रस्तावित था, लेकिन इसे बीच में ही छोड़कर दोनों दिल्ली आ गए हैं। अटकलें हैं कि यहां वे भाजपा नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। दिल्ली में आज भाजपा के राष्ट्रीय परिषद का सम्मेलन हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि इसके समापन के बाद कमलनाथ बड़ी घोषणा कर सकते हैं। हालांकि, अभी तक कमलनाथ ने खुलकर कुछ नहीं कहा है।
कमनलाथ को लेकर लगातार बयान दे रहे हैं भाजपा नेता
मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा था कि कमलनाथ और नकुलनाथ अगर भाजपा में शामिल होना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। इससे पहले पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी कमलनाथ को भाजपा में शामिल होने का न्योता देते हुए कहा था कि वे राम का नाम लेकर आ सकते हैं। हाल ही में कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि कमल से प्यार का इजहार किया जाता है और कमलनाथ यहां बैठे हैं।
दिग्विजय सिंह ने किया खबरों का खंडन
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ के भाजपा में जाने की खबरों का खंडन किया है। उन्होंने कहा, "मेरी कल रात कमलनाथ से बात हुई है। वो छिंड़वाड़ा में ही हैं। जिस आदमी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत नेहरू गांधी परिवार के साथ शुरू की थी, उस आदमी से हम कैसे उम्मीद कि वो इंदिरा जी के परिवार को छोड़कर जाएगा। हमें तो ये उम्मीद भी नहीं करनी चाहिए।"
छिंदवाड़ा सीट पर भाजपा की नजरें
बता दें कि छिंदवाड़ा लंबे समय से कमलनाथ का गढ़ रहा है। वे लगातार 9 बार यहां से जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने राज्य की 29 में से 28 सीटों पर जीत दर्ज की थी, लेकिन छिंदवाड़ा का किला भेद नहीं पाई थी। अब भाजपा की नजरें इस सीट पर है। बीते 3 सालों से भाजपा यहां काफी सक्रिय है। एक बड़े केंद्रीय मंत्री को भाजपा ने इस सीट की जिम्मेदारी दी है।
क्यों नाराज बताए जा रहे हैं कमलनाथ?
मध्य प्रदेश में हार के बाद कांग्रेस ने कमलनाथ को प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाकर जीतू पटवारी को कमान सौंपी थी। कांग्रेस ने जब राम मंदिर उद्घाटन समारोह में जाने से इनकार किया, तब कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में भगवान राम के नाम के पर्चे बांटे थे। कमलनाथ ने राज्यसभा चुनावों को लेकर सोनिया गांधी से मुलाकात की थी, लेकिन कांग्रेस ने अशोक सिंह को राज्यसभा उम्मीदवार बना दिया। इससे भी कमलनाथ नाराज बताए जाते हैं।