विपक्षी गठबंधन INDIA की बैठक: जातिगत जनगणना पर नहीं बनी सहमति, ममता बनर्जी ने किया विरोध
विपक्षी गठबंधन INDIA की मुंबई में तीसरी बैठक में जातिगत जनगणना के मुद्दे पर सहमति नहीं बन सकी है। NDTV ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बैठक में एक चुनावी प्रस्ताव तो पारित किया गया, लेकिन जातिगत जनगणना के मुद्दे पर असहमति के बाद राजनीतिक प्रस्ताव को छोड़ना पड़ा। हालांकि, इससे पहले बेंगलुरू में हुई बैठक में सभी पार्टियों ने जातिगत जनगणना लागू करने पर सहमति जताई थी।
ममता बनर्जी ने किया विरोध- रिपोर्ट
रिपोर्ट में कहा गया है कि बैठक में जब जातिगत जनगणना का मुद्दा उठा तो राष्ट्रीय जनता दल (RJD), जनता दल यूनाइटेड (JDU) और समाजवादी पार्टी (SP) ने इसका समर्थन किया। हालांकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख ममता बनर्जी इसके विरोध में उतर आईं। खबर है कि कथित तौर पर वे बैठक से उठकर भी चली गईं। इस संबंध में गठबंधन की ओर से कुछ नहीं कहा गया है।
बेंगलुरू बैठक में इस मुद्दे पर बनी थी सहमति
बेंगलुरू में हुई INDIA गठबंधन की दूसरी बैठक के बाद विपक्षी पार्टियों ने जातिगत जनगणना के मुद्दे पर एक संयुक्त बयान जारी किया था। इसमें कहा था, "हम अल्पसंख्यकों के खिलाफ बनाई जा रही नफरत और हिंसा को हराने के लिए एकजुट हुए हैं। महिलाओं, दलितों, आदिवासियों और कश्मीरी पंडितों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकने का संकल्प लेते हैं। इस दिशा में पहले कदम के तौर पर जातिगत जनगणना को लागू करेंगे।"
INDIA की बैठक में आज क्या-क्या हुआ?
बैठक के दूसरे दिन यानी आज गठबंधन की अलग-अलग पार्टियों के बीच समन्वय के लिए 13 सदस्यीय समन्वय समिति का गठन किया गया है। इसमें शरद पवार, राघव चड्ढा, हेमंत सोरेन, एमके स्टालिन और उमर अब्दुल्ला जैसे नेताओं को जगह मिली है। इसके अलावा बैठक में पार्टियों ने 3 संकल्प भी लिए हैं, जिनमें सहयोगात्मक भावना के साथ चुनाव लड़ने, जनता से जुड़े मुद्दों पर रैलियां करने और सीट बंटवारे पर चर्चा शुरू करना शामिल है।
गठबंधन ने जारी नहीं किया लोगो
पहले खबर थी कि आज गठबंधन अपना लोगो और झंडा जारी कर सकता है। हालांकि, ऐसा नहीं किया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अन्य पार्टियों से डिजाइन को लेकर मिले सुझावों के बाद इस मुद्दे पर अब और चर्चा की जाएगी। बैठक के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, नीतीश कुमार, लालू यादव और एमके स्टालिन जैसे नेताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। इस बैठक में 28 पार्टियों के 80 से ज्यादा नेता शामिल हुए थे।
न्यूजबाइट्स प्लस
जातिगत जनगणना से मतलब जनसंख्या का जातिवार सारणीकरण करना है। भारत में 1952 के बाद से जनगणना में केवल अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) को डाटा सार्वजनिक किया जाता है। इसके अलावा धर्म, भाषा और सामाजिक-आर्थिक स्थिति से संबंधित जानकारियां सार्वजनिक की जाती हैं, लेकिन जातिवार जनसंख्या सार्वजनिक नहीं की जाती। देश में आखिरी बार जातिगत जनगणना के आंकड़े 1931 में जारी किए गए थे। बिहार में फिलहाल जातिगत जनगणना (सर्वे) का काम जारी है।