पश्चिम बंगाल: ममता बनर्जी के खिलाफ अपमानजक टिप्पणी करने को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता गिरफ्तार
पश्चिम बंगाल कांग्रेस के प्रवक्ता कौस्तव बागची को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस की टीम ने उत्तर 24 परगना जिले के बैरकपुर में बागची के घर पर शनिवार सुबह छापा मारकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गौरतलब है कि बागची के खिलाफ शुक्रवार को कोलकाता के बुरटोला थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई थी।
क्या है पूरा मामला?
इंडिया टुडे के मुताबिक, बागची ने एक निजी टीवी शो पर बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख ममता बनर्जी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। दरअसल, बागची ने हाल ही में हुए सागरदिघी उपचुनाव के बाद पश्चिम बंगाल प्रदेश समिति के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी पर व्यक्तिगत हमलों के लिए ममता बनर्जी की कथित तौर पर आलोचना की थी। गौरतलब है कि सागरदिघी उपचुनाव में कांग्रेस की बड़ी जीत हुई है।
किन धाराओं के तहत दर्ज हुआ केस?
बागची के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), धारा 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना), धारा 506 (आपराधिक धमकी) और अन्य कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बागची की गिरफ्तारी के खिलाफ विभिन्न जिलों में जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। बता दें कि कौस्तव बागची पेशे से वकील हैं और पहले भी कई बार बनर्जी पर निशाना साध चुके हैं।
कांग्रेस ने TMC पर लगाया बदले की राजनीति का आरोप
कांग्रेस नेता सुमन रॉय चौधरी ने कहा, "हम आधी रात को कौस्तव बागची को गिरफ्तार करने के लिए कोलकाता पुलिस की कड़ी निंदा करते हैं। पश्चिम बंगाल सरकार किसी भी व्यक्ति के बोलने के अधिकार को नहीं छीन सकती। सरकार को कौस्तव बागची को तुरंत रिहा करना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा कि मुर्शिदाबाद जिले के सागरदिघी उपचुनाव में हार के बाद तृणमूल कांग्रेस अपने विरोधियों के खिलाफ बदले की राजनीति कर रही है।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन
कांग्रेस ने सागरदिघी उपचुनाव में दर्ज की बड़ी जीत
पश्चिम बंगाल की सागरदीघी सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बायरन बिस्वास ने 22,980 वोटों से जीत हासिल की थी। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के प्रत्याशी देवाशीष बनर्जी को हराया। भाजपा ने यहां दिलीप साहा को मैदान में उतारा था। इस जीत के साथ कांग्रेस का पश्चिम बंगाल में खाता खुल गया था क्योंकि 2021 में हुए पश्चिम बंगाल चुनाव में कांग्रेस एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई थी।
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