
#NewsBytesExplainer: दिल्ली विधानसभा चुनावों में झुग्गी-झोपड़ी के मतदाता कितने अहम?
क्या है खबर?
दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव होना है। इससे पहले सभी पार्टियां मतदाताओं के अलग-अलग समूहों को साधने की कोशिश कर रही हैं।
दिल्ली में मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा झुग्गी-झोपड़ियों में रहता है। पूरे चुनावों से लेकर कई सीटों पर ये निर्णायक भूमिका में होते हैं। कभी ये कांग्रेस का वोटबैंक हुआ करता था, लेकिन अब पार्टी से दूर हो गया है।
आइए जानते हैं कि झुग्गी-झोपड़ी के मतदाता चुनावों पर क्या असर डाल सकते हैं।
झुग्गी बस्तियां
दिल्ली में कितनी झुग्गी बस्तियां हैं?
दिल्ली में 675 झुग्गियां और 1,700 झुग्गी-झोपड़ियां हैं। इन्हें JJ क्लस्टर या अनाधिकृत कालोनियां कहा जाता है।
अनुमान के मुताबिक, इनमें करीब 3 लाख परिवार रहते हैं, जो दिल्ली के कुल मतदाताओं का 10 प्रतिशत है।
वैसे तो पूरी दिल्ली में झुग्गी-झोपड़ियां हैं, दक्षिणी दिल्ली में सबसे ज्यादा लगभग 67,000 झुग्गी-झोपड़ी वाले परिवार हैं।
आमतौर पर इनमें रहने वाले लोग रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों से दिल्ली आए हैं।
अहमियत
कितने अहम है झुग्गी-झोपड़ी के मतदाता?
दिल्ली की लगभग आधी विधानसभा सीटों पर झुग्गी-झोपड़ियां हैं। कम से कम 10 सीटों पर ये मतदाता प्रत्याशी की जीत-हार में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
2008 में हुए परिसीमन के बाद ये मतदाता और अहम हो गए हैं। अब 30 से 35 सीटों पर झुग्गी बस्ती के मतदाताओं की भूमिका महत्वपूर्ण रहती है।
आम आदमी पार्टी (AAP) को भाजपा से मिलती कड़ी टक्कर और सत्ता विरोधी भावना को देखते हुए ये मतदाता काफी अहम है।
मतदाता
झुग्गियों में लगभग 15 लाख मतदाता
भाजपा के झुग्गी विस्तारक अभियान के प्रभारी विष्णु मित्तल ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "झुग्गियों में लगभग 15 लाख मतदाता हैं। इनमें से 9 से 10 लाख लोग वोट डालते हैं। इसमें से भी 7 लाख लोग AAP को वोट देते हैं, जबकि 2 लाख वोट भाजपा को मिलते हैं और बाकी बचे हुए वोट कांग्रेस और अन्य पार्टियों के पास चले जाते हैं।अगर हम 4-5 लाख वोट हासिल कर लेते हैं तो यह गेम चेंजर साबित हो सकता है।"
AAP
झुग्गी मतदाताओं को साधने के लिए क्या है AAP की रणनीति?
AAP झुग्गीवासियों को आकर्षित करने के लिए कल्याणकारी योजनाओं का प्रमुखता से प्रचार कर रही है।
AAP के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था, "अगर गृहमंत्री अमित शाह झुग्गी में रहने वालों को घर देने और उनके खिलाफ दर्ज किए गए मामलों को वापस लेने के एफिडेविट पर हस्ताक्षर करते हैं तो मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा।"
यह मुकदमे कथित तौर पर अतिक्रमण हटाने के दौरान के हैं।
भाजपा
भाजपा की क्या है रणनीति?
भाजपा ने 'झुग्गी विस्तारक योजना' शुरू की है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) कार्यकर्ता झुग्गियों में रात्रि-विश्राम कार्यक्रम चला रहे हैं और युवाओं को रोजगा के लिए कैंप लगा रहे हैं।
चुनावी तारीखों के ऐलान से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झुग्गी वालों को 1,675 पक्के मकानों की चाबियां भी सौंपी हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में झुग्गीवासियों के लिए आयोजित एक सभा को भी संबोधित किया था।
कांग्रेस
कांग्रेस झुग्गी के मतदाताओं को कैसे साध रही है?
झुग्गी के लोग पारंपरिक तौर पर कांग्रेस के मतदाता रहे हैं। हालांकि, बीते कुछ सालों में AAP ने कांग्रेस के इस वोटबैंक में सेंध लगाई है।
कांग्रेस झुग्गियों में रहने वाले मतदाताओं के बीच जाकर सर्वे कर रही है। राहुल गांधी सीलमपुर में पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत भी झुग्गियों और अनाधिकृत कालोनियों से कर रहे हैं।
पार्टी ने दलित नेताओं वीर सिंह धींगन और राजेंद्र पाल गौतम को भी कांग्रेस में शामिल किया है।