शराब नीति मामले में केजरीवाल पर चलेगा मुकदमा, ED को उपराज्यपाल से मिली अनुमति
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शराब नीति मामले में केजरीवाल पर मुकदमा चलाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) को मंजूरी दे दी है। ED का आरोप है कि केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपये रिश्वत लेकर संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया था। ED ने हाल ही में केजरीवाल पर मुकदमा चलाने के लिए उपराज्यपाल से मंजूरी मांगी थी।
उपराज्यपाल कार्यालय ने जारी किया बयान
उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शराब नीति मामले में AAP प्रमुख और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए ED को मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ED ने केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी। बता दें कि शराब नीति मामले में ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) भी केजरीवाल के खिलाफ जांच कर रही है।
केजरीवाल पर क्या हैं आरोप?
ED का आरोप है कि केजरीवाल ने 'साउथ ग्रुप' के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और निजी संस्थाओं को लाभ पहुंचाया। ED ने कहा कि 'साउथ ग्रुप' के लिए अलग-अलग शराब दुकानों में हिस्सेदारी सुनिश्चित की गई और उसे नीति के उद्देश्यों के विरुद्ध कई खुदरा क्षेत्र रखने की अनुमति दी गई। ED ने ये भी आरोप लगाया कि अपराध की आय के 45 करोड़ रुपये AAP के लिए गोवा चुनावों में इस्तेमाल किए गए।
आरोपों पर AAP का क्या कहना है?
AAP ने कहा, "250 से ज्यादा छापे मारे गए, लेकिन एक भी पैसा नहीं मिला। भाजपा का मकसद केजरीवाल के कुचलना है। कथित घोटाले की जांच 2 साल तक चली, 500 लोगों को परेशान किया गया, 50,000 पन्नों के दस्तावेज दाखिल किए गए, लेकिन कुछ नहीं मिला। विभिन्न अदालती आदेशों द्वारा मामले में कई खामियां उजागर हुईं हैं। भाजपा का असली लक्ष्य किसी भी तरह से AAP और केजरीवाल को कुचलना था।"
क्या है शराब नीति से जुड़ा मामला?
दिल्ली सरकार ने नवंबर, 2021 में नई शराब नीति लागू की थी। इसमें शराब के ठेके निजी शराब कंपनियों को दिए गए थे। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस नीति में भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए इसकी CBI से जांच कराने की सिफारिश की। बाद में ED भी जांच में शामिल हो गई। आरोप है कि दिल्ली सरकार ने शराब कंपनियों से रिश्वत लेकर उन्हें इस नई नीति के जरिए लाभ पहुंचाया और शराब के ठेके दिए।
176 दिन जेल में रहे हैं केजरीवाल
शराब नीति से जुड़े मामले में केजरीवाल को 21 मार्च को ED ने गिरफ्तार किया था। इससे पहले ED ने उन्हें 9 बार समन भेजा, लेकिन वे एक भी बार ED के सामने पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए। लोकसभा चुनावों के दौरान केजरीवाल अंतरिम जमानत पर 21 दिन के लिए बाहर भी आए थे। इसी साल 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद केजरीवाल रिहा हुए थे।