दिल्ली शराब नीति से 2,026 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, CAG रिपोर्ट में खुलासा
क्या है खबर?
दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले कथित शराब घोटाले का मुद्दा फिर चर्चाओं में आ गया है।
शराब नीति से जुड़ी भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट लीक हुई है। इंडिया टुडे के मुताबिक, इसमें कहा गया है कि शराब नीति से सरकार को 2026 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि नीति अपने इच्छित लक्ष्यों को प्राप्त करने में विफल रही और इससे आम आदमी पार्टी (AAP) नेताओं को लाभ मिला।
रिपोर्ट
रिपोर्ट में और क्या-क्या कहा गया है?
रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्रियों के समूह (GoM) ने विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों की अनदेखी की।
शिकायतों के बावजूद सभी संस्थाओं को बोली लगाने की अनुमति दी गई और इनकी वित्तीय स्थिति की जांच नहीं की गई।
घाटे में चल रही संस्थाओं के लाइसेंस का भी नवीनीकरण कर दिया गया।
नीति से संबंधित प्रमुख निर्णय कैबिनेट की मंजूरी या उपराज्यपाल की मंजूरी के बिना लिए गए।
नए नियमों को विधानसभा में प्रस्तुत नहीं किया गया।
नुकसान
सरकार को कैसे हुआ करोड़ों का नुकसान?
रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ खुदरा विक्रेताओं के पास शराब नीति खत्म होने तक लाइसेंस थे, जबकि कुछ ने नीति खत्म होने से ठीक पहले सरेंडर किए। इन लाइसेंसों के दोबारा टेंडर नहीं किए जाने से सरकार को 890 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
इसके अलावा क्षेत्रीय लाइसेंसधारियों को मिली छूट के कारण 941 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
कोविड प्रतिबंधों के बहाने क्षेत्रीय लाइसेंसधारियों के लिए लाइसेंस शुल्क में 144 करोड़ रुपये की छूट दी गई।
AAP
रिपोर्ट पर AAP ने क्या कहा?
आम आदमी पार्टी (AAP) सांसद संजय सिंह ने रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह CAG रिपोर्ट कहां है? ये दावे कहां से आ रहे हैं? क्या यह भाजपा कार्यालय में दाखिल की गई है? भाजपा नेता अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। CAG रिपोर्ट पेश हुई नहीं और वे ऐसे दावे कर रहे हैं।"
दिल्ली भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, "AAP को विधानसभा सत्र बुलाना चाहिए। वे इसे सदन के पटल पर क्यों नहीं रख रहे हैं।"
सजा
176 दिन जेल में रहे हैं केजरीवाल
शराब नीति से जुड़े मामले में केजरीवाल को 21 मार्च, 2024 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था। इससे पहले ED ने उन्हें 9 बार समन भेजा, लेकिन वे एक भी बार ED के सामने पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए।
लोकसभा चुनावों के दौरान केजरीवाल अंतरिम जमानत पर 21 दिन के लिए बाहर भी आए थे।
पिछले साल 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद केजरीवाल रिहा हुए थे।
मामला
क्या है शराब नीति से जुड़ा मामला?
दिल्ली सरकार ने नवंबर, 2021 में नई शराब नीति लागू की थी। इसमें शराब के ठेके निजी शराब कंपनियों को दिए गए थे।
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस नीति में भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए इसकी CBI से जांच कराने की सिफारिश की। बाद में ED भी जांच में शामिल हो गई।
आरोप है कि दिल्ली सरकार ने शराब कंपनियों से रिश्वत लेकर उन्हें इस नई नीति के जरिए लाभ पहुंचाया और शराब के ठेके दिए।