नई दिल्ली सीट पर केजरीवाल को कितनी बड़ी चुनौती दे पाएंगे संदीप दीक्षित?
आम आदमी पार्टी (AAP) ने नई दिल्ली सीट से अपने संयोजक अरविंद केजरीवाल को मैदान में उतारा है। यहां से कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को टिकट दिया है। भाजपा यहां से पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा को टिकट दे सकती है। अगर प्रवेश को टिकट मिलता है तो यहां केजरीवाल का मुकाबला 2 पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटे से होने जा रहा है।
सबसे पहले जानिए सीट का इतिहास
वैसे तो नई दिल्ली लोकसभा सीट 1951 से अस्तित्व में है, लेकिन विधानसभा सीट 2008 के परिसीमन के बाद बनाई गई थी। इससे पहले इसे गोल मार्केट के नाम से जाना जाता था। सीट के गठन के बाद से जिसने यहां से चुनाव जीता है, वो सीधा मुख्यमंत्री बना है। 2008 में शीला दीक्षित उसके बाद केजरीवाल यहां का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में संसद, केंद्र सरकार के अहम संस्थान और विदेशी संस्थान आते हैं।
प्रवेश वर्मा की दावेदारी लगभग तय
नई दिल्ली से प्रवेश वर्मा की दावेदारी लगभग तय मानी जा रही है। उन्होंने आज तक से कहा, "कांग्रेस ने यहां से संदीप दीक्षित को उतारने का फैसला किया है। पार्टी (भाजपा) ने मुझे नई दिल्ली के लिए तैयारी शुरू करने को कहा है। हमारी सूची अभी जारी होनी है। केजरीवाल जो खुद को आम आदमी बताते हैं, वो आम नहीं, बल्कि खास आदमी हैं। शीशमहल में रहते हैं। उन्होंने नई दिल्ली विधानसभा में जनता के लिए कुछ नहीं किया।"
केजरीवाल के सामने कितनी बड़ी चुनौती?
BBC से बात करते हुए वरिष्ठ पत्रकार विनोद शुक्ला ने कहा, "नई दिल्ली में संदीप दीक्षित की छवि साफ सुथरी और पढ़े-लिखे राजनीतिज्ञ की है। उन्हें भी इस क्षेत्र में समर्थन मिल सकता है। इसलिए संदीप दीक्षित के आ जाने पर कांग्रेस भी दौड़ में शामिल हो गई है, वरना वो बाहर थी। भाजपा भी कोई मजबूत दावेदार उतारेगी। केजरीवाल की लोकप्रियता भी पहले जैसी नहीं रही। भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई चुनावी मुद्दे की तरह इस्तेमाल नहीं हो सकती।"
संदीप दीक्षित के सामने क्या हैं मुश्किलें?
BBC से वरिष्ठ पत्रकार शकील अख्तर ने कहा, "संदीप दीक्षित के पास सिर्फ शीला दीक्षित की विरासत है। इस सीट पर वे नए हैं। दिल्ली में कांग्रेस भी कमजोर है, इसलिए कोई करिश्मा ही कांग्रेस को जिता सकता है।" वहीं, AAP के पूर्व राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने कहा, "संदीप केजरीवाल के सामने कोई चुनौती नहीं हैं। शीलाजी के बाद संदीप ने नई दिल्ली सीट से कोई लगाव नहीं रखा है।"
केजरीवाल कैसे कर रहे हैं तैयारी?
इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से कहा कि AAP जल्द ही हर सीट के लिए खास प्रचार अभियान शुरू करेगी। नई दिल्ली सीट पर इसकी थीम '2 मुख्यमंत्री के बेटे और एक दिल्ली का बेटा' होगी। सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल वीकेंड पर अपने निर्वाचन क्षेत्र में ही रहेंगे। सूत्र ने कहा, "केजरीवाल जब भी संभव होता है, निर्वाचन क्षेत्र में जन्मदिन, शादी और खेल टूर्नामेंट जैसे कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।"
अब संदीप दीक्षित के बारे में जानिए
15 अगस्त, 1964 को जन्मे संदीप शिक्षक रह चुके हैं। उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास की पढ़ाई की है। वे साल 2004 में पूर्वी दिल्ली से भाजपा के लाल बिहारी तिवारी को हराकर लोकसभा पहुंचे थे और 2009 में भी इसी सीट से जीत दर्ज की थी। हालांकि, 2014 और 2019 में वे चुनाव हार गए। बताया जाता है कि इस लोकसभा चुनावों में भी संदीप चांदनी चौक से टिकट मांग रहे थे।