राहुल ने उठाया वैक्सीन की कमी का मुद्दा, स्वास्थ्य मंत्री बोले- उनकी समस्या क्या है?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधा है। दरअसल, राहुल ने शुक्रवार को कोरोना वायरस वैक्सीन की कमी का मुद्दा उठाते हुए ट्वीट किया था। इसका जवाब देते हुए हर्षवर्धन ने पूछा कि राहुल गांधी की समस्या क्या है? क्या वो पढ़ते नहीं हैं? गौरतलब है कि राहुल गांधी शुरुआत से ही कोरोना महामारी से निपटने के सरकार के तरीके और वैक्सीन की कमी पर सवाल उठाते आए हैं।
राहुल गांधी ने क्या ट्वीट किया था?
शुक्रवार सुबह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा, 'जुलाई आ गई है, वैक्सीन नहीं आई।' इसको रिट्वीट करते हुए हर्षवर्धन ने लिखा, 'मैंने कल ही जुलाई में वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर पूरी जानकारी दी थी। आखिर राहुल गांधी की समस्या क्या है? क्या वो पढ़ते नहीं हैं या फिर वह समझते नहीं हैं? अहंकार और अज्ञानता के वायरस की कोई वैक्सीन नहीं है। कांग्रेस को नेतृत्व में बड़े बदलाव का विचार करना चाहिए।'
लगातार वैक्सीन की कमी का मुद्दा उठाते आए हैं राहुल गांधी
बीते सप्ताह भी राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी से वैक्सीन की कमी को दूर करने की मांग की थी। इसके जवाब में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन पर भ्रम और झूठ फैलाने का आरोप लगाया था। इससे पहले रविवार को प्रधानमंत्री के 'मन की बात' कार्यक्रम पर तंज कसते हुए राहुल ने लिखा था, 'काम की बात सिर्फ़ एक- वैक्सीन की कमी ख़त्म करो! बाक़ी सब ध्यान भटकाने के बहाने हैं।'
गैर-जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं नेता- हर्षवर्धन
गुरुवार को हर्षवर्धन ने ट्वीट किया था कि कुछ नेता वैक्सीनेशन को लेकर गैर-जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं। कुछ आंकड़े बता रहा हूं ताकि सच्चाई सामने आ सके। उन्होंने लिखा कि जब से केंद्र ने 75 फीसदी खुराकें फ्री में देना शुरू किया है, तब से वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ी है और जून में 11.5 करोड़ खुराकें लगाई गईं। जुलाई में वैक्सीन की उपलब्धता के बारे में राज्यों को पहले ही बता दिया गया है।
जुलाई में राज्यों के लिए उपलब्ध होंगी 12 करोड़ खुराकें
अगले ट्वीट में हर्षवर्धन ने लिखा कि जुलाई में राज्यों के लिए 12 करोड़ खुराकें उपलब्ध होंगी। ये निजी अस्पतालों के कोटे से अलग होंगी। अगर किसी राज्य को परेशानी आ रही है तो उसे वैक्सीनेशन के लिए बेहतर योजना बनाने की जरूरत है। प्लानिंग और लॉजिस्टिक राज्यों के मामले हैं। एक और ट्वीट में उन्होंने राज्यों के नेताओं से वैक्सीनेशन की बेहतर योजना में उर्जा लगाने और डर फैलाने से बचने की अपील की थी।
जुलाई में लक्ष्य से कम रहेगा वैक्सीनेशन
जुलाई में राज्यों को जो 12 करोड़ खुराकें भेजी जाएंगी, उनमें से 10 करोड़ कोविशील्ड और दो करोड़ कोवैक्सिन की होगी। अगर इसका दैनिक औसत निकाला जाए तो 40 लाख आएगा। अगर मान लिया जाए कि इनमें से सारी खुराकें इस्तेमाल होंगी, तब भी यह आंकड़ा केंद्र के जुलाई मध्य से रोजाना एक करोड़ खुराकें देने के लक्ष्य बहुत दूर रह जाएगा। सरकार ने लगभग एक महीने पहले इस लक्ष्य का ऐलान किया था।
जून में वैक्सीनेशन अभियान ने पकड़ी रफ्तार
जून में भारत में कोरोना वायरस वैक्सीनेशन अभियान में तेजी आई और दैनिक औसत बढ़कर 40 लाख के आंकड़े को पार कर गया। इसके मुकाबले मई में रोजाना औसतन महज 19.7 लाख खुराकें लगाई गई थीं। 21-28 जून के हफ्ते में रोजाना औसतन 57.7 लाख लोगों को खुराकें लगीं और कुल 4.6 करोड़ खुराकें लगाई गईं। इस हफ्ते का औसत चीन के बाद सबसे अधिक रहा। इन खुराकों में से 86 प्रतिशत पहली खुराकें थीं।