कोरोना वैक्सीनेशन: सरकार का मध्य जुलाई से रोजाना 1 करोड़ खुराकें लगाने का लक्ष्य
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाने की तैयारी शुरू कर दी है और उसका लक्ष्य मध्य जुलाई से रोजाना 1 करोड़ खुराकें लगाने का है।
NDTV के सूत्रों के अनुसार, सरकार रोजाना 1 करोड़ खुराकें लगाने की अपनी इस योजना को जुलाई के दूसरे या तीसरे हफ्ते से जमीन पर उतारने की तैयारी कर रही है और इसके लिए पर्याप्त खुराकों का इंतजाम किया जा रहा है।
योजना
जुलाई से हर महीने 30-31 करोड़ खुराकों का इंतजाम करने की तैयारी
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार का मानना है कि वह जुलाई से हर महीने कोरोना वैक्सीन की 30-31 करोड़ खुराकों की सप्लाई सुनिश्चित कर सकती है।
'कोविशील्ड' बना रहे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और 'कोवैक्सिन' बना रही भारत बायोटेक ने मिलाकर 25 करोड़ खुराकें देने का वादा किया है।
वहीं सरकार स्पूतनिक-V, नोवावैक्स, जेनोवा और जायडस कैडिला और बायोलॉजिक-ई की वैक्सीनों के जरिए 5 से 7 करोड़ खुराकों का इंतजाम करने की योजना बना रही है।
डाटा
75,000 वैक्सीनेशन केंद्रों पर रोजाना 100-150 खुराकें लगाने की योजना
सूत्रों ने बताया कि देशभर में अप्रैल में ही लगभग 75,000 वैक्सीनेशन केंद्र थे और सरकार की योजना इन सभी पर रोजाना 100 से 150 खुराकें लगाने की योजना है। इस तरह से रोजाना 75 लाख से 1.12 करोड़ खुराकें लगाई जा सकेंगी।
आंकलन
तलाशी जा रहीं कोविशील्ड को एक खुराक वाली वैक्सीन बनाने की संभावनाएं
इसके अलावा वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार इसका आंकलन भी कर रही है कि कोविशील्ड की एक खुराक कितनी प्रभावी है। अगर इसे अच्छा-खासा प्रभावी पाया जाता है तो फिलहाल सभी लोगों को एक-एक खुराक लगाई जा सकती है।
एक खुराक वाली अन्य दो वैक्सीनें, जॉनसन एंड जॉनसन और स्पूतनिक लाइट, उसी तकनीक से बनी हैं जिससे कोविशील्ड बनी है, इसलिए इसकी एक खुराक के प्रभावी होने की संभावना ज्यादा है।
अन्य रणनीति
वैक्सीनों को मिलाने पर भी किया जा रहा विचार
इसके अलावा लोगों को दो अलग-अलग वैक्सीनों की खुराकें लगाने पर भी विचार किया जा रहा है और एक महीने के अंदर इस संबंध में ट्रायल शुरू हो जाएगा।
यह ट्रायल ढाई महीने चलेगा और अगर इसमें वैक्सीनों के इस कॉकटेल को प्रभावी और सुरक्षित पाया जा सकता है तो वैक्सीनेशन प्रक्रिया में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
इससे भी वैक्सीनेशन अभियान में तेजी आ सकती है और लोगों को दूसरी खुराक के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
वैक्सीनेशन
देश में क्या है वैक्सीनेशन अभियान की स्थिति?
16 जनवरी को वैक्सीनेशन अभियान शुरू होने के बाद से गुरूवार तक देशभर में कोरोना वैक्सीन की 21,31,54,129 खुराकें लग चुकी हैं। इनमें से 16,86,13,371 लोगों को कम से कम खुराक लग चुकी है, वहीं 4,45,40,758 लोग ऐसे हैं जिन्हें वैक्सीन की दोनों खुराकें लग चुकी हैं।
वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार चिंता का विषय बनी हुई है और रविवार को देश में मात्र 10,18,076 खुराकें लगाई गईं। अभी रोजाना औसतन लगभग 15-20 लाख खुराकें ही लगाई जा रही हैं।
किल्लत
वैक्सीन की किल्लत का सामना कर रहे हैं राज्य
वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार के लिए राज्य सरकारें कोरोना वैक्सीन की कम सप्लाई को जिम्मेदार ठहरा रही हैं।
खुराकों की कमी और केंद्र सरकार की विवादित वैक्सीन नीति के कारण राज्यों के पास पर्याप्त मात्रा में खुराकें नहीं पहुंच रही हैं और दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों को कुछ जगहों पर वैक्सीनेशन बंद करना पड़ा है।
केंद्र पर भाजपा शासित राज्यों को तरजीह देने का आरोप भी लगा है।