बिहार चुनाव: भाजपा का फ्री कोरोना वैक्सीन का वादा आचार संहित का उल्लंघन नहीं- चुनाव आयोग
कोरोना महामारी के बीच बिहार में हो रहे विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों ने लोगों को आकर्षित करने के लिए चुनावी घोषणा पत्रों में कई बड़े वादे किए हैं। इसमें सत्ताधारी भाजपा ने बड़ा दांव खेलते हुए बिहारवासियों को फ्री कोरोना वैक्सीन का वादा किया है। इस पर सियासी घमासान तेज हो गया है। इसको लेकर चुनाव आयोग तक शिकायत की गई, लेकिन अब आयोग ने स्पष्ट कर दिया कि मुफ्त वैक्सीन का वादा आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है।
भाजपा ने चुनाव घोषणा पत्र में किया था वादा
बता दें ने भाजपा ने गत 22 अक्टूबर को बिहार चुनाव के लिए अपना घोषणा पत्र जारी किया था। इसमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्य में 19 लाख युवाओं को नौकरी देने और मुफ्त कोरोना वैक्सीन देने का वादा किया था। इस पर बिहार में सियासत गरमा गई थी। विपक्षी दलों ने भाजपा पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया था। हालांकि, भाजपा नेता नियमानुसार ही घोषणा पत्र में वादे करने की बात कह रहे थे।
RTI कार्यकर्ता ने चुनाव आयोग को भेजी थी शिकायत
मामले में RTI कार्यकर्ता साकेत गोखले ने गत 28 अक्टूबर को भाजपा के घोषणा पत्र के खिलाफ चुनाव आयोग को शिकायत भेजी थी। इसमें गोखले ने आरोप लगाया था कि भाजपा द्वारा चुनाव से पहले फ्री कोरोना वैक्सीन की घोषणा केंद्र सरकार की शक्तियों का दुरुपयोग और मतदाताओं को गुमराह करने की कोशिश है। उन्होंने कहा था कि भाजपा ने यह वादा ऐसे समय में किया है, जब सरकार की ओर से वैक्सीन नीति तक तय नहीं की गई है।
फ्री वैक्सीन की घोषणा नहीं है आचार संहित का उल्लंघन- आयोग
गोखले की शिकायत पर चुनाव आयोग ने इसे आचार संहित का उल्लंघन नहीं माना है। आयोग ने अपने जवाब में आचार संहिता उल्लंघन के तीन प्रावधानों का उल्लेख किया। इसमें कहा गया कि घोषणापत्र में संविधान के खिलाफ कुछ भी शामिल नहीं होना चाहिए, ऐसे वादों से बचना चाहिए जो चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता को भंग करते हों या मतदाता पर अनुचित प्रभाव डालते हैं। आयोग ने यह भी बताया है कि घोषणापत्र विशिष्ट चुनाव के लिए होता है।
NYAY योजना को भी नहीं माना था संहिता का उल्लंघन
चुनाव आयोग ने 2019 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की NYAY योजना के वादे को भी आचार संहित का उल्लंघन मानने से इनकार कर दिया था। NYAY योजना कांग्रेस ने 25 करोड़ लोगों के लिए हर महीने न्यूनतम 6,000 रुपये या प्रति वर्ष 72,000 रुपये आय का वादा किया था। उस पर आयोग ने कहा था कि इससे निर्वाचन प्रक्रिया की पवित्रता पर कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा और न ही मतदाताओं पर कोई प्रभाव पड़ने की आशंका है।
विपक्ष ने भाजपा पर लगाया था राजनीतिक लाभ के लिए महामारी का सहारा लेने का आरोप
बता दें कि भाजपा के फ्री कोरोना वैक्सीन का वादा करने के बाद विपक्षी दलों ने भाजपा पर हमला बोलना शुरू कर दिया था। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि सत्ताधारी भाजपा राजनीतिक लाभ के लिए अब महामारी का सहारा ले रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इसको लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि वैक्सीन और झूठे वादे का लाभ लेने के लिए लोगों को अपने राज्य के चुनाव की तारीख देखनी होगी।
मध्य प्रदेश में भी किया फ्री कोरोना वैक्सीन का वादा
भाजपा ने बिहार की तर्ज पर 3 नवंबर को मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों को लेकर लोगों को फ्री कोरोना वैक्सीन देने का वादा किया है। भाजपा का कहना है कि कोरोना की जंग में वह जनता के साथ है।