मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द, इन नामों को मिल सकती है जगह
अगले दो-तीन दिनों में प्रधानमंत्री मोदी के मंत्रिमंडल का विस्तार होने की संभावना जताई जा रही है। 2019 में दोबारा सत्ता में आने के बाद मोदी मंत्रिमंडल का यह पहला विस्तार होगा। अगले साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए कई नए चेहरों को इसमें जगह मिल सकती है। फिलहाल मोदी सरकार में 53 मंत्री है। कयास लगाए जा रहे हैं कि विस्तार के बाद इनकी संख्या 80 के करीब हो सकती है।
इन नामों का मंत्रिमंडल में शामिल होना तय
कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया और असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को कैबिनेट में शामिल किया जाना तय माना जा रहा है। सिंधिया की बगावत के चलते मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिरी थी और वहां भाजपा दोबारा सत्ता में लौटने में कामयाब हुई थी। वहीं सोनोवाल ने हेमंत बिस्वा शर्मा के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ी थी। कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्रीय नेतृत्व उन्हें इसका ईनाम दे सकता है।
चिराग पासवान को लग सकता है झटका
रामविलास पासवान के निधन के बाद खाली हुए मंत्रीपद पर नजर टिकाए बैठे चिराग पासवान को झटका लग सकता है। NDTV के अनुसार, उनके चाचा और पार्टी में बगावत का चेहरा बने पशुपति पारस को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
मंत्रिमंडल में शामिल हो सकता है जनता दल (यूनाइटेड)
बिहार में भाजपा के सहयोग से सरकार चला रही नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) मंत्रिमंडल में शामिल हो सकती है। 2019 में जदयू को महज एक मंत्रीपद दिया जा रहा था, जिसे नीतीश कुमार ने ठुकरा दिया था। उनकी मांग है कि उनकी पार्टी से कम से कम दो नेताओं को केंद्रीय मंत्रालय सौंपे जाएं। बताया जा रहा है कि लल्लन सिंह, रामनाथ ठाकुर और संतोष कुशवाह जदयू की तरफ से मंत्रीपद की रेस में शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश के कई चेहरे होंगे मंत्रिमंडल का हिस्सा
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता नारायण राणे और भूपेंद्र यादव का नाम भी उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें मोदी के मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। सूत्रों ने बताया कि वरुण गांधी, रामशंकर कठारिया, रीता बहुगुणा जोशी और जफर इस्लाम को भी केंद्रीय मंत्रालय सौंपे जा सकते हैं। इनके अलावा उत्तर प्रदेश में भाजपा के सहयोगी अपना दल की अनुप्रिया पटेल को भी मंत्रीपद दिया जा सकता है।
इन नामों की भी हो रही चर्चा
ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा पश्चिम बंगाल से भी कुछ नेताओं को दिल्ली ला सकती है। जगन्नाथ सरकार और शांतनु ठाकुर आदि नेताओं के नाम मंत्रीपद की रेस में शामिल हैं। इनके अलावा उत्तराखंड से अनिल बलूनी या अजय भट्ट, कर्नाटक से प्रताप सिन्हा, राजस्थान से राहुल कस्वां, हरियाणा से बृजेंद्र सिंह, ओडिशा से अश्विनी वैष्णव, महाराष्ट्र में पूनम महाजन और दिल्ली से मीनाक्षी लेखी या प्रवेश वर्मा को मंत्री बनाया जा सकता है।
कई दौर की बैठकों के बाद नामों पर लगी मुहर
सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों के नाम चुनने के लिए प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की कई बैठकें हुई थीं। साथ ही मौजूदा मंत्रियों के कामकाज को भी बारीकी से देखा गया था। इस विस्तार का सीधा निशाना अगले साल कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के साथ-साथ 2024 के लोकसभा चुनाव भी है, जब भाजपा लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए जोर-आजमाइश करेगी।
फिलहाल 28 मंत्रियों के लिए जगह खाली
फिलहाल प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, नितिन गडकरी, हर्षवर्धन, नरेंद्र सिंह तोमर, रवि शंकर प्रसाद, स्मृति ईरानी और हरदीप सिंह पुरी के पास एक से अधिक केंद्रीय मंत्रालयों का प्रभार है। कैबिनेट विस्तार के बाद इनका कार्यभार हल्का हो जाएगा। बता दें कि अभी मोदी सरकार में कुल 53 मंत्री है, जबकि नियमों के मुताबिक सरकार में 81 मंत्री हो सकते हैं। ऐसे में 28 नए मंत्रियों के लिए जगह खाली है।