
भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों को देना होगा अब ब्रोंको टेस्ट, जानिए इसके बारे में
क्या है खबर?
भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों की फिटनेस को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए अब ब्रोंको टेस्ट लागू किया गया है। यह रग्बी खेल से प्रेरित फिटनेस टेस्ट है, जिसमें 20, 40 और 60 मीटर की शटल रन शामिल हैं। भारतीय टीम के स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच एड्रियन ले रूक्स ने इसे लेकर आए हैं, जो चाहते हैं कि तेज गेंदबाज जिम पर कम और मैदान पर ज्यादा दौड़ें। मुख्य कोच गौतम गंभीर भी इस पहल से सहमत हैं।
क्या
क्या है ब्रोंको टेस्ट?
ब्रोंको टेस्ट फिटनेस की नई कसौटी है, जिसमें खिलाड़ी पहले 20 मीटर फिर 40 मीटर और उसके बाद 60 मीटर की शटल दौड़ पूरी करता है। यही एक सेट कहलाता है और ऐसे 5 सेट लगातार बिना रुके पूरे करने होते हैं। कुल मिलाकर खिलाड़ी को 1,200 मीटर दौड़ना पड़ता है। भारतीय खिलाड़ियों के लिए यह टेस्ट और चुनौतीपूर्ण बना दिया गया है, क्योंकि उन्हें यह दूरी महज 6 मिनट के भीतर पूरी करनी होगी।
टेस्ट
क्यों किया जा रहा है भारतीय खिलाड़ियों के साथ ब्रोंको टेस्ट?
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, खिलाड़ियों की फिटनेस जांचने के लिए इस टेस्ट को बेंगलुरु स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में शुरू किया गया है। कुछ खिलाड़ी पहले ही यह टेस्ट दे चुके हैं। इसका मकसद खिलाड़ियों के लिए स्पष्ट फिटनेस मानक तय करना है। दरअसल, देखा गया है कि भारतीय खिलाड़ी खासकर तेज गेंदबाज मैदान पर दौड़ने के बजाय जिम में ज्यादा वक्त बिता रहे थे। अब खिलाड़ियों को साफ कहा गया है कि उन्हें दौड़ने पर ज्यादा ध्यान देना होगा।
यो-यो
पहले ये थे भारतीय खिलाड़ियों के फिटनेस मानक
इससे पहले खिलाड़ियों की फिटनेस को परखने के लिए 2 किलोमीटर के टाइम ट्रायल और यो-यो टेस्ट मानक थे। तेज गेंदबाजों को 8 मिनट 15 सेकंड में दूरी पूरी करनी होती थी, जबकि बल्लेबाज, विकेटकीपर और स्पिनरों के लिए ये 8 मिनट और 30 सेकंड का था। यो-यो टेस्ट में खिलाड़ी को 20 मीटर की दूरी पर रखे मार्क्स के बीच दौड़ना होता है, जिसमें हर 40 मीटर रन के बाद 10 सेकंड का ब्रेक मिलता है।
परेशानी
इंग्लैंड दौरे पर भारतीय तेज गेंदबाज थे काफी परेशान
इंग्लैंड दौरे पर देखा गया था कि मोहम्मद सिराज को छोड़कर सभी तेज गेंदबाज अपनी फिटनेस को लेकर परेशान रहे थे। आकाश दीप हों या प्रसिद्ध कृष्णा सभी गेंदबाज पूरी तरह से फिट नजर नहीं आ रहे थे। जसप्रीत बुमराह तो केवल 3 टेस्ट मैच ही खेल पाए थे। सिराज एकमात्र तेज गेंदबाज थे, जिन्होंने सभी 5 मुकाबले खेले थे। इसी को देखते हुए ब्रोंको टेस्ट की शुरुआत हुई है।