चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने की अटकलें, कई विधायकों के साथ दिल्ली पहुंचे
क्या है खबर?
विधानसभा चुनावों से पहले झारखंड में सियासी हलचल तेज हो गई है। खबर है कि पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
वे 5-6 विधायकों के साथ दिल्ली रवाना हो गए हैं। बताया जा रहा है कि दिल्ली में वे वरिष्ठ भाजपा नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं।
हालांकि, उन्होंने कहा है कि वे निजी काम के चलते दिल्ली आए हैं और दिल्ली आना-जाना चलता रहता है।
विधायक
चंपई के साथ कौन-कौन से विधायक?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चंपई के साथ 6 विधायक हैं। दशरथ गगराई, रामदास सोरेन, चमरा लिंडा, लोबिन हेमब्रोम और समीर मोहंती से संपर्क नहीं हो पा रहा है। ये सभी चंपई के साथ बताए जा रहे हैं।
चंपई बीती रात ही कोलकाता पहुंच गए थे और होटल पार्क में ठहरे थे। यहां उन्होंने भाजपा नेताओं से मुलाकात भी की थी और आज एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या 0769 से दिल्ली रवाना हो गए हैं।
नाराजगी
क्यों नाराज बताए जाते हैं चंपई?
दरअसल, इसी साल फरवरी में जमीन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया था।
इसके बाद हेमंत ने चंपई को मुख्यमंत्री बनाया था। हालांकि, जून में जेल से बाहर आने के बाद चंपई को इस्तीफा देना पड़ा और हेमंत फिर मुख्यमंत्री बन गए।
माना जाता है कि चंपई विधानसभा चुनाव तक मुख्यमंत्री बने रहना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कथित तौर पर इससे वे नाराज बताए जाते हैं।
बयान
भाजपा में शामिल होने पर चंपई ने क्या कहा था?
17 अगस्त को जब चंपई से भाजपा में शामिल होने की खबरों पर पत्रकारों ने सवाल पूछा था तो उन्होंने कहा था, "आप लोग ऐसा सवाल क्यों कर रहे हैं। हम तो आपके सामने हैं। इसके बारे में हमें कुछ पता नहीं है। क्या सच है, क्या झूठ। हम जहां हैं ठीक हैं।"
हालांकि, उन्होंने भाजपा में शामिल होने की अटकलों को पूरी तरह से खारिज भी नहीं किया था।
चंपई सोरेन
कौन हैं चंपई सोरेन?
चंपई सरायकेला-खरसांवा जिले स्थित जिलिंगगोड़ा गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने 10वीं तक पढ़ाई की है।
चंपई ने 1991 में अपना पहला चुनाव सरायकेला सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान लड़ा था। उन्होंने निर्दलीय होते हुए भी इस चुनाव में जीत हासिल की थी। इसके बाद वे JMM में शामिल हो गए।
फरवरी में मुख्यमंत्री बनने से पहले वे झारखंड सरकार में परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री थे।
उन्हें 'झारखंड का टाइगर' कहा जाता है।