#NewsBytesExplainer: राज्यसभा की 10 सीटों पर होंगे उपचुनाव, जानिए कहां पर किसका पलड़ा भारी
क्या है खबर?
लोकसभा चुनाव के बाद अब राज्यसभा चुनाव की बारी है। राज्यसभा की 10 सीटों पर जल्द ही उपचुनाव हो सकते हैं।
ये 10 सीटें राज्यसभा सदस्यों के लोकसभा सांसद चुने जाने की वजह से खाली हुई है।
इन उपचुनावों में ज्यादातर सीटों पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की जीत तय है, लेकिन कहीं-कहीं मुकाबला रोचक भी हो सकता है।
आइए जानते हैं उपचुनाव में किस सीट पर क्या समीकरण हैं।
राज्य
सबसे पहले जानिए कहां-कहां की सीटें हुई खाली
भाजपा के 7, कांग्रेस के 2 और RJD के एक राज्यसभा सदस्य को लोकसभा चुनाव में जीत मिली है।
महाराष्ट्र से भाजपा के उदयनराजे भोंसले और पीयूष गोयल, असम से भाजपा के सर्बानंद सोनोवाल और कामाख्या प्रसाद तासा, त्रिपुरा से भाजपा के बिप्लब देब, हरियाणा से कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा, मध्य प्रदेश से भाजपा के ज्योतिरादित्य सिंधिया, राजस्थान से कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल, बिहार से भाजपा के विवेक ठाकुर और RJD की मीसा भारती अब सांसद बन गई हैं।
कांग्रेस
कांग्रेस को हो सकता है नुकसान
उपचुनाव में भाजपा को कांग्रेस के खाते वाली 2 सीटों पर जीत मिल सकती है।
कांग्रेस की 2 सीटें हरियाणा और राजस्थान से हैं, जहां फिलहाल भाजपा की सरकार है। ऐसे में कांग्रेस को 2 सीटों का नुकसान तय है।
बिहार की 2 में से एक सीट NDA और एक INDIA गठबंधन को मिल सकती है। अगर कुछ बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो NDA 10 में से 9 सीटें जीत सकता है।
समीकरण
बाकी राज्यों में कैसे हैं समीकरण?
महाराष्ट्र और असम में भाजपा अपनी सहयोगी पार्टियों के साथ मिलकर सरकार चला रही है। महाराष्ट्र में अगर NDA एकजुट रहा तो दोनों सीटें जीतने में कोई परेशानी नहीं होगी।
मध्य प्रदेश और त्रिपुरा में भाजपा की सरकार है। ऐसे में यहां भाजपा को जरा भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगाा।
हालिया समीकरणों के हिसाब से NDA की असम, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और त्रिपुरा की सीटों पर जीत तय है।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र पर सबकी नजरें
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार ने राज्यसभा के लिए नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है।
खबरें हैं कि इस फैसले से मंत्री छगन भुजबल नाराज हैं। भुजबल ने कहा था कि वे चुनाव लड़ने के इच्छुक थे, लेकिन सुनेत्रा के नामांकन से नाराज नहीं हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह न मिलने पर NDA के घटक दलों में नाराजगी की भी खबरें हैं। अगर यहां कुछ उलटफेर होता है तो NDA के लिए मुश्किलें हो सकती हैं।
हरियाणा
हरियाणा में रोचक हो सकता है मुकाबला
हरियाणा विधानसभा में फिलहाल 87 विधायक हैं और बहुमत का आंकड़ा 44 है। भाजपा के 41, कांग्रेस के 29, जननायक जनता पार्टी (JJP) के 10 और 5 निर्दलीय विधायक हैं।
इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) और हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) के एक-एक विधायक हैं। एक निर्दलीय और HLP विधायक के समर्थन से भाजपा के 43 विधायक हैं।
विपक्ष में निर्दलियों को मिलाकर 44 विधायक हैं। ऐसे में यहां रोचक मुकाबला हो सकता है।
चुनाव
कैसे होता है राज्यसभा सदस्य का चुनाव?
राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य (विधायक) करते हैं।
उम्मीदवारों की जीत के लिए आवश्यक वोटों की संख्या पहले से तय होती है।
वोटिंग के वक्त हर विधायक को एक सूची दी जाती है, जिसमें उसे राज्यसभा प्रत्याशियों के लिए अपनी पहली पसंद, दूसरी पसंद और तीसरी पसंद आदि लिखनी होती है।
इसके बाद एक फॉर्मूले की मदद से तय किया जाता है कि कौन-सा प्रत्याशी जीता है।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
राज्यसभा संसद का उच्च सदन है, जिसमें अधिकतम 250 सदस्य होते हैं। इनमें से 12 सदस्य भारत के राष्ट्रपति के द्वारा नामित किए जाते हैं। ये अलग-अलग क्षेत्रों के प्रतिष्ठित लोग होते हैं।
बाकी के सदस्य चुनाव के जरिए चुनकर आते हैं, जिन्हें प्रदेश के विधायक चुनते हैं।
राज्यसभा में सदस्य 6 साल के कार्यकाल के लिए चुने जाते हैं। इनमें से एक-तिहाई सदस्य हर 2 साल में सेवानिवृत्त हो जाते हैं।