झारखंड: लगभग 24 घंटे से कोई मुख्यमंत्री नहीं, राज्यपाल नहीं दे रहे सरकार बनाने का न्योता
झारखंड में लगभग 24 घंटे से कोई मुख्यमंत्री नहीं है और राज्यपाल ने अभी तक निर्वाचित मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को सरकार बनाने का न्योता नहीं दिया है। चंपई ने गुरुवार शाम को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा किया और उन्हें 43 विधायकों के समर्थक का वीडियो दिखाया। इसके बावजूद राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने का न्योता नहीं दिया और जल्द फैसला लेने की बात कही है। चंपई के साथ 4 विधायक भी मौजूद रहे।
राज्यपाल नहीं दे रहे शपथ ग्रहण के लिए समय- चंपई
राज्यपाल से मुलाकात के बाद चंपई ने कहा कि राज्यपाल शपथ ग्रहण के लिए समय नहीं दे रहे हैं और उन्होंने कहा है कि वे इस पर जल्द फैसला लेंगे। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि कल रात 8 बजे चंपई मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। सियासी हलचल के बीच भाजपा ने भी कल (2 फरवरी) को विधानमंडल की बैठक बुलाई है। इसमें बीएल संतोष और लक्ष्मीकांत बाजपेयी उपस्थित रहेंगे।
हैदराबाद भेजे जा रहे विधायक
विधायकों में टूट-फूट की आशंका के बीच सत्तारूढ़ गठबंधन के 38 विधायकों को हैदराबाद भेजा जा रहा है। कहा जा रहा है कि केवल 5 विधायक ही रांची में रहेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यपाल पर निशाना साझा है। उन्होंने कहा, '81 विधायकों के सदन में 41 ही बहुमत होता है। 48 विधायकों का समर्थन होने के बावजूद चंपई सोरेन जी को सरकार बनाने का न्योता न देना साफ तौर पर संविधान की अवमानना एवं जनमत को नकारना है।'
चंपई ने राज्यपाल को लिखा था पत्र
चंपई ने आज ही राज्यपाल से मिलने का समय मांगा था। एक पत्र में उन्होंने लिखा था, "31 जनवरी को मेरे नेतृत्व में 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने आपको 47 विधायकों का समर्थन पत्र और 43 विधायकों का हस्ताक्षर युक्त पत्र पेश किया था, जो बहुमत के आंकड़े से अधिक है। आपसे निवेदन है कि मेरे सरकार गठन के दावे को स्वीकार कर मुझे शीघ्र मुख्यमंत्री मनोनीत कर नई सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करें।"
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री चुने गए हैं चंपई
बता दें कि जमीन घोटाले में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद सत्तारूढ़ महागठबंधन के विधायकों ने चंपई को अपना नेता और नया मुख्यमंत्री चुना है। कोर्ट में आज हेमंत की रिमांड पर सुनवाई हुई। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनकी 10 दिन की हिरासत मांगी, जिस पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। आज की रात हेमंत ED की हिरासत में ही रहेंगे और फिलहाल उन्हें होटवार जेल भेज दिया गया है। हेमंत की हिरासत पर कोर्ट कल फैसला सुनाएगा।
कौन हैं चंपई सोरेन?
चंपई सरायकेला-खरसांवा जिले स्थित जिलिंगगोड़ा गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने 10वीं तक पढ़ाई की है। चंपई ने 1991 में अपना पहला चुनाव सरायकेला सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान लड़ा था। उन्होंने निर्दलीय होते हुए भी इस चुनाव में जीत हासिल की थी। इसके बाद वे झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) में शामिल हो गए और फिलहाल झारखंड सरकार में परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री हैं। उन्हें 'झारखंड का टाइगर' कहा जाता है।
क्या है झारखंड विधानसभा की स्थिति?
81 सदस्यीय झारखंड में सत्तारूढ़ महागठबंधन के अभी 47 विधायक हैं। इनमें से 29 विधायक JMM के हैं। कांग्रेस के 16, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और CPI(ML) का एक-एक विधायक हैं। विपक्ष में भाजपा के पास 25, ऑल झारखण्ड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU) के 3 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का एक विधायक हैं। राज्य में 2 निर्दलीय विधायक भी हैं। संख्याबल के लिहाज से सरकार को फिलहाल कोई खतरा नहीं है।