उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव, भाजपा करेगी लोकसभा चुनाव के नुकसान की भरपाई?
क्या है खबर?
लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में एक बार फिर भाजपा और समाजवादी पार्टी (SP)-कांग्रेस गठबंधन की अग्निपरीक्षा होने वाली है।
दरअसल, यहां से अलग-अलग पार्टियों के 9 विधायक सांसद बन गए हैं। ऐसे में इन सीटों पर उपचुनाव होना है। इनमें फूलपुर, खैर, गाजियाबाद, मझावन, मीरापुर, अयोध्या, करहल, कटेहरी और कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
कानपुर के विधायक इरफान सोलंकी को सजा के बाद वहां भी उपचुनाव की संभावना बन रही है।
विधायक
SP के 4, भाजपा के 5 विधायक बने सांसद
SP के अध्यक्ष अखिलेश यादव कन्नौज से सांसद चुने गए हैं। वे करहल से विधायक थे। मिल्कीपुर से विधायक अवधेश प्रसाद अयोध्या के सांसद बन गए हैं।
इसी तरह गाजियाबाद से अतुल गर्ग, हाथरस से अनूप वाल्मीकी, अंबेडकरनगर के कटेहरी से लालजी वर्मा, फूलपुर से प्रवीण पटेल, मिर्जापुर के मझवां से विनोद बिंद, मीरापुर से चंदन चौहान अब सांसद बन गए हैं।
इनमें से कुछ ने इस्तीफा दे दिया है तो कुछ देने वाले हैं।
भाजपा
भाजपा के लिए बड़ी चुनौती
लोकसभा चुनावों में भाजपा को उत्तर प्रदेश में बड़ा झटका लगा है। ऐसे में उसके लिए उपचुनाव में बेहतर प्रदर्शन बेहद जरूरी है।
भाजपा उपचुनावों में ज्यादा सीटें जीतकर लोकसभा चुनावों के नुकसान की भरपाई करना चाहेगी। भाजपा को सबसे बड़ा झटका अयोध्या में लगा है।
अटकलें हैं कि यहां से भाजपा किसी पासी उम्मीदवार को उतार सकती है, क्योंकि लोकसभा चुनावों में जीतने वाली SP के अवधेश प्रसाद पासी समाज से हैं।
कांग्रेस
कांग्रेस कर सकती है कुछ सीटों की मांग
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को 6 सीटों पर जीत मिली है। ऐसे में वह उपचुनाव में कुछ सीटों की मांग कर सकती है।
कांग्रेस संगठन के महासचिव अनिल यादव ने कहा, "SP के साथ हमारा गठबंधन है। उपचुनाव पर हमारे बड़े नेता इस पर बात करेंगे। उसके लिए एक समिति बनी है। अभी उत्तर प्रदेश उपचुनाव की कोई तिथि भी नहीं आई है।"
SP प्रवक्ता सुनील साजन ने कहा कि सीट बंटवारे पर बड़े नेता फैसला लेंगे।
सीट बंटवारा
गठबंधन में सीट बंटवारा भी चुनौती
बिजनौर से सांसद बने चंदन चौहान मीरापुर से राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के विधायक थे।
RLD विधानसभा चुनावों में SP के साथ थी, लेकिन अब भाजपा के साथ है। ऐसे में यहां भाजपा-RLD गठबंधन की परीक्षा होगी।
इसके अलावा कटेहरी सीट पर भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी की भी नजर है, क्योंकि पिछले चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार अवधेश कुमार प्रसाद बेहद कम वोटों से हार गए थे। ऐसे में इन सीटों पर तालमेल बैठाना भी चुनौती होगा।
परिणाम
लोकसभा चुनाव के नतीजों ने बढ़ाई भाजपा की चिंता
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उत्तर प्रदेश की 62 सीटें जीती थी, जबकि बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी। SP को सिर्फ 5 और कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली थी।
2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा की सीटें घटकर 33 हो गई हैं, जबकि SP को 37 और कांग्रेस को 6 सीटों पर जीत हासिल हुई है। BSP का खाता भी नहीं खुल सका है।