खूबसूरत पर्यटन स्थल है गुरेज घाटी, घूमने जा रहे हैं तो जान लें जरूरी बातें
गुरेज घाटी जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से लगभग 123 किलोमीटर दूर बांडीपूर में स्थित है, जो समुद्र तल से 2,400 मीटर की ऊंचाई पर है। हिमालय की गोद में बसे इस ऑफबीट पर्यटन स्थल पर आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ क्वालिटी टाइम बिताते हुए ट्रेकिंग और वाइल्डलाइफ वॉचिंग जैसी गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। अगर आप गुरेज घाटी घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आइए आज हम आपको यात्रा से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताते हैं।
गुरेज घाटी कैसे पहुंचे?
हवाई मार्ग: श्रीनगर हवाई अड्डा गुरेज घाटी से 140 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां से आप अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए कैब ले सकते हैं। रेल मार्ग: श्रीनगर रेलवे स्टेशन गुरेज घाटी के नजदीक है, जो पर्यटन स्थल से 135 किलोमीटर की दूरी पर है। सड़क मार्ग: गुरेज घाटी दिल्ली से लगभग 916 किमी की दूरी पर है। अगर आप अपने निजी वाहन से यात्रा कर रहे हैं तो इस रास्ते जाएं- दिल्ली>पानीपत>कुरुक्षेत्र>लुधियाना>जालंधर>होशियारपुर>पहलगाम>श्रीनगर>गुरेज घाटी।
गुरेज घाटी घूमने का सबसे अच्छा समय
गुरेज घाटी की यात्रा के लिए अप्रैल और सितंबर का महीन सही समय हैं क्योंकि इस दौरान मौसम सुहावना और सुखदायक रहता है। अप्रैल में औसत तापमान दिन में 15-20 डिग्री सेल्सियस और रात में 0-5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है। वहीं, सितंबर में औसत तापमान लगभग 15 डिग्री सेल्सियस होता है, जो दर्शनीय स्थलों की यात्रा, फोटोग्राफी और एडवेंचर गतिविधियों का लुत्फ उठाने के लिए एकदम सही है।
घूमने के लिए लोकप्रिय स्थान
जब आप गुरेज घाटी घूमने जाएं तो किशनगंगा नदी की यात्रा करना न भूलें, जो दोनों तरफ से अद्भुत पर्वत श्रृंखलाओं से घिरी हुई है। यहां आप रिवर राफ्टिंग, ट्राउट फिशिंग और नदी के पास कैंपिंग का मजा ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त, आपको हब्बा खातून की यात्रा अवश्य करनी चाहिए, जो एक पिरामिड के आकार की पर्वत श्रृंखला है। आप यहां हब्बा खातून स्प्रिंग भी देख सकते हैं। राजदान दर्रा, डावर और हरमुख यहां के अन्य दर्शनीय स्थल हैं।
गुरेज घाटी जाकर इन गतिविधियों को अपनी यात्रा का बनाएं हिस्सा
अगर आप जुलाई या फिर अगस्त के दौरान गुरेज घाटी का प्लान बना रहे हैं तो आपको वहां तीन दिवसीय गुरेज महोत्सव देखने को मिल सकता है, जिसमें स्थानीय नृत्य प्रदर्शन, लोक गीत और साहसिक कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र होते हैं। इसके अतिरिक्त, आप किशनगंगा नदी के तट पर कैंपिंग कर सकते हैं और अद्भुत सूर्योदय और सूर्यास्त के दृश्य देख सकते हैं या खंडियाल टॉप से जंगल तक ट्रेकिंग कर सकते हैं।