
जम्मू: प्रधानमंत्री मोदी की रैली के पास हुए धमाके की जगह से मिले RDX के निशान
क्या है खबर?
रविवार को जम्मू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रैली स्थल के पास हुए धमाके की जगह पर RDX और एक नाइट्रेट कंपाउड के निशान पाए गए हैं।
पुलिस ने शुरू में धमाके का आतंकवाद से कोई भी संबंध होने से इनकार किया था और उल्कापिंड या आकाशीय बिजली को जमीन में हुए गड्ढे का कारण बताया था।
लेकिन अब धमाके की जगह से RDX मिलना इस पूरी थ्योरी को गलत साबित कर देता है।
पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री की रैली से 12 किलोमीटर दूर हुआ था धमाका
रविवार को जम्मू में प्रधानमंत्री मोदी की रैली से पहले रैली स्थल से 12 किलोमीटर दूर स्थित बिश्नाह इलाके के ललियान गांव में एक जोरदार धमाका हुआ था।
धमाके के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गईं और पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची।
ड्रोन से हमले की आशंका जताते हुए स्थानीय लोगों ने बताया कि जोरदार आवाज के बाद उनके खिड़कियों के शीशे टूट गए और दीवारों में दरार आ गई। विस्फोट से जमीन में गड्ढा भी हो गया था।
जांच
अधिकारियों ने कहा- मिट्टी में पाए गए RDX और नाइट्रेट कंपाउंड के निशान
पहले उल्कापिंड या आकाशीय बिजली के कारण ये धमाका होने की आशंका जताई गई थी, लेकिन अब वरिष्ठ अधिकारियों ने न्यूज 18 को बताया कि शुरूआती फॉरेंसिक जांच में घटनास्थल की मिट्टी में RDX और नाइट्रेट कंपाउड के निशान पाए गए हैं।
एक अधिकारी ने कहा कि गड्ढे का आकार विस्फोटकों की गुणवत्ता और IED का अनुमान देता है।
वहीं जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि ऐसा लगता है कि ड्रोन की मदद से धमाका किया गया।
जांच
जैश और लश्कर पर शक
इंडिया टुडे ने रक्षा सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इस मामले की जांच चल रही है। यह भी देखा जा रहा है कि क्या यह धमाका ड्रोन से गिराए गए IED के कारण हुआ था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन बेबस हो गए हैं। वो चाहते थे कि प्रधानमंत्री की रैली का आयोजन न हो पाए। इन दोनों आतंकी संगठनों के पास ड्रोन हैं, जिनका उन्होंने इस्तेमाल किया हो।"
ड्रोन से हमला
ड्रोन से पहले भी गिराए जा चुके हैं विस्फोटक
पिछले साल जून में जम्मू के वायुसेना स्टेशन में स्थित हवाई अड्डे पर ड्रोन के जरिये हमला किया गया था। यह पहली बार था, जब पाकिस्तान की तरफ से ऐसे हमलों के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था।
ड्रोन से गिराए गए कम तीव्रता वाले विस्फोटक से एक छत्त को नुकसान पहुंचा था। हमले के पीछे लश्कर का हाथ बताया गया था।
इसके बाद कई दिनों तक जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग स्थानों पर ड्रोन देखे गए थे।
साजिश
बढ़ी है ड्रोन के जरिए हथियारों और ड्रग्स की आपूर्ति
बीते कई महीनों से पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन के जरिये हथियारों, हेरोइन और दूसरे नशीली चीजों की आपूर्ति बढ़ी है। जम्मू-कश्मीर के अलावा पंजाब में ड्रोन से जुड़ी गतिविधियों में इजाफा देखा गया है।
इसी साल फरवरी में विधानसभा चुनाव से पहले अमृतसर की अजनाला तहसील में आने वाली पंजग्रहियां सीमा चौकी के पास ड्रोन से नशीले पदार्थ फेंके गए थे। वहीं दिसंबर में BSF ने पंजाब में एक ड्रोन को मार गिराया था।