लगातार चौथे साल इंटरनेट पर सबसे ज्यादा प्रतिबंध लगाने वाला देश बना भारत- रिपोर्ट
क्या है खबर?
भारत लगातार चौथे साल उन देशों की सूची में शीर्ष पर रहा है, जहां सबसे ज्यादा बार इंटरनेट बंद किया गया है।
प्रदर्शनों को दबाने से लेकर ऑनलाइन फ्रॉड आदि रोकने तक को इंटरनेट बंद करने के कारण बताए गए हैं। थिंक टैंक एक्सेस नाउ की रिपोर्ट में यह जानकारी मिली है।
पिछले साल देश में हुए 106 शटडाउन में से 85 बार अकेले जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट बंद किया गया था।
आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
इंटरनेट शटडाउन
पिछले साल 34 देशों में बंद किया गया इंटरनेट
रिपोर्ट में बताया गया है कि 2021 में 34 देशों की सरकारों ने कम से कम 182 बार इंटरनेट शटडाउन किया था। इस मामले में भारत सबसे आगे रहा और यहां 106 बार इंटरनेट बंद किया गया। भारत के बाद म्यांमार में सबसे ज्यादा 15 और सूडान और ईरान में 5-5 बार इंटरनेट बंद रहा।
हालांकि, 2020 की तुलना में 2021 में भारत में इंटरनेट तीन बार कम बंद हुआ है। 2020 में 109 बार इंटरनेट बंद किया गया था।
इंटरनेट शटडाउन
भारत में शटडाउन के पीछे ये कारण प्रमुख
भारत में सबसे ज्यादा जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट बंद रहा है। यहां पर सीमापार से आतंकवाद के खतरे को देखते हुए कई बार लंबे समय तक लोगों को इंटरनेट की सुविधा से वंचित रखा गया था। देश में इंटरनेट बंद होने के बाकी कारणों में कानून-व्यवस्था और सुरक्षा चिंताएं सबसे प्रमुख हैं।
हालिया महीनों में यह भी देखने को मिला है कि कई जगहों पर परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए इंटरनेट बंद किया जा रहा है।
इंटरनेट शटडाउन
प्रदर्शनों को दबाने के लिए इंटरनेट करने वाले 18 देशों में शामिल भारत
भारत उन 18 देशों में शामिल है, जहां प्रदर्शनों को दबाने के लिए इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई थी। कम से कम चार मौकों पर छात्रों को नकल करने से रोकने के लिए इंटरनेट बंद किया गया।
रिपोर्ट बताती है कि संचार और सूचना प्रौद्योगिकी पर बनी संसदीय समिति ने इंटरनेट शटडाउन के दुरुपयोग को रेखांकित करते हुए अधिकारों और स्वतंत्रता पर इसके असर को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी, लेकिन इसमें शटडाउन की निंदा नहीं की गई।
जानकारी
किस साल कितनी बार बंद हुआ इंटरनेट?
साल 2012 और 2013 में केवल जम्मू-कश्मीर ही एकमात्र ऐसा राज्य था, जहां पर कुछ दिनों के लिए इंटरनेट बंद किया गया।
आने वाले सालों में यह संख्या लगातार बढ़ती गई। 2014 में देश में छह बार, 2015 में 14 बार, 2016 में 31, 2017 में 79 और 2018 में 134 बार इंटरनेट को बंद किया गया था।
इसी तरह 2019 में 106 और 2020 में 83 बार इंटरनेट बंद किया गया था।
नुकसान
इंटरनेट बंद होने से अर्थव्यवस्था को क्या नुकसान?
लंबे समय तक इंटरनेट बंद रहने से अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2012 से लेकर 2018 तक इंटरनेट शटडाउन की कई घटनाओं के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था को 21,336 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
वहीं दिल्ली स्थित एक थिंक टैंक की रिपोर्ट कहती है कि भारत ने 2012-17 के बीच इंटरनेट शटडाउन की वजह से तीन बिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान झेला था।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
बोलने की आजादी छीनने जैसा है इंटरनेट शटडाउन!
इंटरनेट शटडाउन की कीमत केवल अर्थव्यवस्था को नहीं चुकानी पड़ती। इसका असर प्रेस की आजादी और मानवाधिकारों पर भी पड़ता है। कश्मीर में इंटरनेट बंद होने के कारण वहां की जानकारियां सामने नहीं आई हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने 2016 में इंटरनेट एक्सेस को मौलिक मानवाधिकार माना था। हालांकि, भारत में केरल एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां हाई कोर्ट के आदेश के बाद इंटरनेट को मौलिक अधिकार माना गया है।