नेपाल ने किया भारतीय सेना का दावा खारिज, कहा- येति नहीं, भालू के पैरों के निशान
भारतीय सेना के पौराणिक हिम मानव येति के पैरों के निशान मिलने के दावे को खारिज करते हुए नेपाल ने कहा है कि वो येति नहीं बल्कि जंगली भालू के पैरों के निशान हैं। नेपाली सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल बिज्ञान देव पांडे ने कहा कि उन्होंने तथ्यों की जांच की पूरी कोशिश की, लेकिन स्थानीय लोगों और कुलियों का मानना है कि यह एक जंगली भालू के पैरों के निशान हैं, जिसे इलाके में अक्सर देखा जाता है।
भारतीय सेना ने हफ्ते की शुरुआत में किया था दावा
इससे पहले भारतीय सेना ने 29 अप्रैल को ट्वीट करते हुए हिम मानव येति के पैरों के निशान मिलने का दावा किया था। सेना ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा, "पहली बार, भारतीय सेना की एक पर्वतारोहण अभियान टीम को 9 अप्रैल को मकालू बेस कैंप के नजदीक 32x15 इंच के पौराणिक जीव येति के पैरों के रहस्यमयी निशान मिले। इस मायावी हिम मानव को पहले भी मकालू-बरुण राष्ट्रीय उद्यान में देखा जा चुका है।"
इन निशानों को भारतीय सेना ने बताया था येति के पैरों के निशान
वैज्ञानिकों ने उठाए थे दावों पर सवाल
इस दावे के साथ ही येति के अस्तिस्व पर फिर से बहस छिड़ गई थी। भारतीय वन्यजीव संस्थान में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सत्यकुमार ने दावे पर कहा था, "पूरी संभावना है कि एक भूरे भालू के पैरों के निशान सूरज और हवा के कारण बड़े हो गए हो। मकालू के उत्तरी क्षेत्र में भूरे भालू पाए भी जाते हैं।" इसके अलावा उन्होंने बताया कि आजतक किसी भी सबूत या DNA जांच में येति के अस्तित्व की पुष्टि नहीं हुई है।
वैज्ञानिक नहीं मानते येति का अस्तित्व
वैज्ञानिक येति को एक पौराणिक जीव मानते हैं। अब से पहले जिन 9 हड्डी, दांत, त्वचा, बाल और मल के नमूनों को येति का होने का दावा किया गया था, उनमें से 8 को भालू और 1 को कुत्ते से संबंधित पाया गया था।
कौन है हिम मानव येति?
हिम मानव येति वानर जैसा एक विशालयकाय जीव होता है, जिसका आकार एक मनुष्य से बड़ा होता है। येति का जिक्र नेपाल की पौराणिक कथाओं में मिलता है और माना जाता है कि यह हिमालय, साइबेरिया, केंद्रीय और पूर्वी एशिया के बर्फीली इलाकों में रहता है। पहले भी कई पर्वतारोही और अन्य लोग येति को देखे जाने का दावा कर चुके हैं, लेकिन अभी तक इसके अस्तित्व की पुष्टि करने वाला कोई सबूत नहीं मिला।