भारतीय सेना का पौराणिक हिम मानव 'येति' के पैरों के निशान मिलने का दावा
अपनी तरह के पहले मामले में भारतीय सेना ने पौराणिक हिम मानव येति के पैरों के निशान मिलने का दावा किया है। येति को देखे जाने या उसके पैरों के निशान मिलने का दावा पहले भी होता रहा है, लेकिन ये पहली बार है जब भारतीय सेना जैसे किसी उच्च आधिकारिक संगठन ने ऐसा दावा किया है। सेना ने ट्वीट करते हुए दावा किया कि उसकी एक पर्वतारोहण टीम को मकालू बेस कैंप के पास यह निशान मिले हैं।
कौन है हिम मानव येति?
हिम मानव येति वानर जैसा एक विशालयकाय जीव होता है, जिसका आकार एक मनुष्य से बड़ा होता है। येति का जिक्र नेपाल की पौराणिक कथाओं में मिलता है और माना जाता है कि यह हिमालय, साइबेरिया, केंद्रीय और पूर्वी एशिया के बर्फीली इलाकों में रहता है। पहले भी कई पर्वतारोही और अन्य लोग येति को देखे जाने का दावा कर चुके हैं, लेकिन अभी तक इसके अस्तित्व की पुष्टि करने वाला कोई सबूत नहीं मिला।
वैज्ञानिक तौर पर खरे नहीं उतरते दावे
वैज्ञानिक येति को एक पौराणिक जीव मानते हैं। अब से पहले जिन 9 हड्डी, दांत, त्वचा, बाल और मल के नमूनों को येति का होने का दावा किया गया था, उनमें से 8 को भालू और 1 को कुत्ते से संबंधित पाया गया था।
मकालू बेस कैंप के पास मिले पैरों के निशान
अब भारतीय सेना ने येति के पैर का निशान मिलने का दावा करके इस बहस को फिर से जीवित कर दिया है। सेना ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा, "पहली बार, भारतीय सेना की एक पर्वतारोहण अभियान टीम को 9 अप्रैल को मकालू बेस कैंप के नजदीक 32x15 इंच के पौराणिक जीव येति के पैरों के रहस्यमयी निशान मिले। इस मायावी हिम मानव को पहले भी मकालू-बरुण राष्ट्रीय उद्यान में देखा जा चुका है।"
सेना ने शेयर की पैरों के निशान की तस्वीरें
10 दिन पहले मिल गई थी जानकारी
मामले से संबंधित अपने बयान में सेना ने कहा है, "जैसा कि कहा जाता है प्रकृति, इतिहास और विज्ञान कभी भी अपनी अंतिम कहानी नहीं लिखते हैं।" बयान में बताया गया कि सेना को इससे संबंधित जानकारी 10 दिन पहले ही मिल गई थी, लेकिन इसे रोक लिया गया। काफी सोच विचार के बाद सेना ने विषय पर फिर से नई बहस छेड़ने के लिए ट्वीट करने का फैसला किया।
एक पैर दिखने पर उठ रहे सवाल
सेना ने येति के पैरों के निशान की जो तस्वीरें ट्वीट की हैं, उनमें केवल एक पैर के निशान देखे जा सकते हैं और इसे लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, सेना का कहना है कि उसका दावा भौतिक प्रमाणों पर आधारित है और उन्हें खारिज करने के लिए किसी के पास इन सबूतों पर पुख्ता जवाब होना चाहिए। अपने दावे को पुख्ता करने के लिए सेना आज मंगलवार को कुछ तस्वीरें और वीडियो भी जारी कर सकती है।