क्या होती है जापानी वाटर थेरेपी? जानिए यह वजन घटाने में कैसे करती है मदद
क्या है खबर?
जापान के लोगों की सेहत का राज उनकी स्वस्थ जीवनशैली और पौष्टिक डाइट है। हालांकि, उनका शरीर एक खास तरह की थेरेपी के कारण भी तंदुरुस्त बना रहता है, जिसे जापानी वाटर थेरेपी कहा जाता है।
यह पानी जापानी लोगों की संस्कृति का हिस्सा है, जो पाचन को दुरुस्त करता है और वजन घटाने में मदद कर सकता है।
इस पेय के सेवन से शरीर डिटॉक्स हो जाता है और बढ़ी हुई चर्बी कम होने लगती है।
रेसिपी
जापानी वाटर कैसे तैयार कर सकते हैं?
जापानी पानी को बनाने के लिए किसी खास सामग्री की जरूरत नहीं पड़ती है। इसके लिए आपको बस गुनगुना पानी, आधा नींबू, कुछ खीरे के टुकड़े और पुदीने के पत्ते चाहिए होंगे।
आप चाहें तो इसमें थोड़ी अदरक भी मिला सकते हैं। नींबू वसा को जलाने में मदद करता है, खीरा ठंडक देता है और पुदीना पेट को ताजगी देता है।
ये सभी मिलकर शरीर को डिटॉक्स करते हैं और फैट वजन घटाने में मदद करते हैं।
सही समय
क्या है इस पेय को पीने का सही समय?
अगर आप जापानी वाटर थेरेपी के जरिए वजन कम करना चाहते हैं तो इसे सही समय और सही तरीके से पीना जरूरी है।
जल्द असर देखने के लिए इसे सुबह के समय खाली पेट पीना चाहिए। इससे चयापचय सक्रिय होती है और शरीर का तापमान संतुलित रहता है।
इसे आराम से बैठकर छोटे-छोटे घूंट लेते हुए पीना चाहिए, ताकि शरीर इसे ठीक से अवशोषित कर सके। आप चाहें तो इसे दिन में 2 बार खाने से पहले ले सकते हैं।
असर
कितने दिनों में नजर आएगा इसका असर?
इस पेय का असर देखने के लिए इसे नियमित रूप से डाइट में शामिल करना जरूरी होता है। अगर आप इसे रोज पीते हैं तो आपको 7-10 दिनों में हल्के असर दिखने लगेंगे।
इससे पेट हल्का रहेगा, उसका फूलना कम होगा और ऊर्जा का स्तर बढ़ जाएगा। हालांकि, अगर आप पौष्टिक भोजन करते हैं और पर्याप्त नींद लेते हैं तो आपको 2-3 हफ्तों में इसका असर दिखने लगेगा।
यह थेरेपी धीमे-धीमे असर दिखाती है और शरीर को पतला करती है।
नकारात्मक प्रभाव
क्या इस पेय के कोई नकारात्मक प्रभाव होते हैं?
वैसे तो यह पेय प्राकृतिक चीजों से बनता है, लेकिन इसे पीते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।
इसे ज्यादा मात्रा में पीने या बिना गर्म किए पीने से कुछ लोगों को गैस या एसिडिटी हो सकती है। अगर आपको पहले से ही पेट से जुड़ी कोई गंभीर समस्या है तो एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
अन्य मामलों में इसके कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं नजर आते हैं, इसीलिए यह पीने के लिए सुरक्षित है।