
महाराष्ट्र के कोल्हापुर से वंतारा भेजे गए हाथी का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, CJI सुनवाई करेंगे
क्या है खबर?
महाराष्ट्र के कोल्हापुर से 36 वर्षीय मादा हाथी महादेवी उर्फ माधुरी को गुजरात स्थित वंतारा पशु बचाव केंद्र भेजे जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। अधिवक्ता सीआर जया सुकिन ने हाथी के स्थानांतरण को चुनौती है और उसे वापस कोल्हापुर के मंदिर भेजने की मांग की है। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई, न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति ए.एस. चंदुकर की पीठ ने मामले को सूचीबद्ध कर सुनवाई गुरुवार 14 अगस्त को निर्धारित की है।
विवाद
क्या है हाथी को वंतारा भेजने का मामला?
महादेवी को 1992 में कर्नाटक से कोल्हापुर के नांदणी गांव स्थित जैन मठ लाया गया था। यहां हाथी को 700 सालों से पालने की परंपरा है, जो धार्मिक कार्यों में भाग लेते हैं। पशु कल्याण संगठन PETA ने महादेवी के स्वास्थ्य पर चिंता जताई और उच्च स्तरीय कमेटी से जांच कराई। 16 जुलाई, 2025 को बॉम्बे हाई कोर्ट ने PETA की याचिका और रिपोर्ट के आधार पर महादेवी को रिलायंस फाउंडेशन के वंतारा भेजने का आदेश दिया।
विरोध
हाई कोर्ट के फैसले का हो रहा विरोध, लोग सड़कों पर उतरे
जैन मठ ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन कोर्ट ने हाई कोर्ट का आदेश बरकरार रखा। इसके बाद महादेवी को 28 जुलाई को वंतारा भेज दिया गया। इस फैसले का बड़े पैमाने पर विरोध शुरू हो गया। 3 अगस्त को नांदणी से कोल्हापुर तक 45 किमी लंबी मौन पदयात्रा में 40,000 से अधिक लोग शामिल हुए। स्थानीय लोगों ने जिओ सिम मोबाइल से हटा दिया है और राष्ट्रपति को पत्र भी लिखा है।
ट्विटर पोस्ट
माधुरी के समर्थन में कोल्हापुर में पदयात्रा
इथ भल्या भल्या लोकांची मस्ती आणि माज उतरवला जातो..! #माधुरी #कोल्हापूर #महादेवी pic.twitter.com/KuOqrpkmEP
— Nandadeep (@RamprasadK22345) August 3, 2025