जापान में कंजर्वेटिव पार्टी के नेता का विवादित बयान, कहा- लड़कियों की शादी रोकें, गर्भाशय निकालें
जापान में कंजर्वेटिव पार्टी के संस्थापक नाओकी हयाकुता ने जनसंख्या वृद्धि के संकट से निपटने के लिए अपने बयान से विवाद खड़ा कर दिया। हयाकुता ने 8 नवंबर को यूट्यूब पर कहा कि 25 की उम्र के बाद महिलाओं के विवाह पर प्रतिबंध लगाना चाहिए और 30 की उम्र में उनका गर्भाशय निकालना अनिवार्य होना चाहिए। उन्होंने महिलाओं को 18 की उम्र के बाद विश्वविद्यालय में प्रवेश नहीं देने की वकालत की, ताकि महिलाएं बच्चे पैदा करने पर ध्यान दें।
जापान के प्रमुख लोगों ने हयाकुता की टिप्पणी की निंदा की
हयाकुता के बयान पर लोग नाराज हैं। यामानाशी गाकुइन विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और लैंगिक मुद्दों पर एक पुस्तक की लेखिका सुमी कावाकामी ने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि एक जापानी राजनेता ने ऐसा कहा है। हयाकुता की पार्टी के अध्यक्ष ताकाशी कावामुरा ने कहा कि वह हयाकुता की ओर से कंजर्वेटिव पार्टी के समर्थकों और जापानी लोगों से माफ़ी मांगते हैं। अभिनेत्री चिज़ुरु हिगाशी ने कहा कि यह विचार भयावह है, चाहे मजाक ही क्यों न हो।
बयान के बाद माफी मांगी
हयाकुता ने बयान पर लोगों की नाराजगी के बाद 10 नवंबर को माफी मांगी है। उन्होंने कहा, "मेरा मतलब यह था कि हम सामाजिक संरचना को तब तक नहीं बदल सकते जब तक कि हम कुछ ऐसा न करें जो उस हद तक जाए। मैं अपनी टिप्पणी वापस लेना चाहता हूं और माफी मांगना चाहता हूं।" यह विवाद ऐसे समय में सामने आया, जब जापान अपनी वृद्ध होती आबादी और घटती कार्यबल के बीच प्रजनन संकट से जूझ रहा है।
जापान में घट रही है जन्म दर
जापान के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार जनवरी और जून 2024 के बीच 350,074 बच्चे जन्म लेंगे, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.7 प्रतिशत कम है। जापान में 2023 में एक जापानी महिला द्वारा जन्म लेने वाले बच्चों की औसत संख्या 1.20 के नए निचले स्तर पर आ गई है हयाकुता 2006 में आई सर्वाधिक बिकने वाली पुस्तक "द इटरनल ज़ीरो" के लेखक हैं, जिसमें द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कामिकेज़ पायलटों का महिमामंडन किया गया था।