कॉफी के बारे में प्रचलित 5 बड़े मिथक और उनकी सच्चाई
कॉफी कई लोगों के जीवन का एक अभिन्न अंग है और उनके दिन की शुरुआत एक गर्मागर्म कॉफी के साथ ही होती है। अगर सही तरीके से और सही मात्रा में सेवन किया जाए तो कॉफी न केवल आपको ऊर्जावान रख सकती है, बल्कि वजन घटाने समेत कई स्वास्थ्य लाभ भी दे सकती है। हालांकि, कॉफी के बारे में कई मिथक भी प्रचलित हो गए हैं, जो सच नहीं हैं। आइए ऐसे ही मिथक और उनकी सच्चाई जानते हैं।
मिथक- कॉफी की लत लग जाती है
अक्सर ऐसा कहा जाता है कि अधिक कॉफी पीने पर कॉफी की लत लग जाती है और इसे छोड़ा नहीं जाता। हालांकि, यह पूरी तरह से सच नहीं है। कॉफी में कैफीन होती है, जिसके कारण आपके शरीर को इसकी आदत पड़ सकती है। हालांकि, अगर आप कॉफी का सेवन बंद कर देंगे तो कुछ दिनों तक सिरदर्द और एकाग्रता के अलावा और कोई समस्या नहीं होगी। इन्हें सहकर आप आसानी से कॉफी छोड़ सकते हैं।
मिथक- कॉफी से लंबाई बढ़ना रुक जाती है
एक मिथक यह भी है कि कॉफी के सेवन से लंबाई बढ़ना रुक जाती है। इस कारण कई माता-पिता अपने बच्चों को कॉफी नहीं पीने देते। हालांकि, इसका कोई चिकित्सकीय और वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है। ऐसे लेकर 12 से 18 साल की लड़कियों पर एक अध्ययन भी हुआ था, लेकिन इसमें ऐसा कुछ नहीं सामने आया। इसके अलावा इन लड़कियों और कॉफी न पीने वाले अन्य बच्चों में कोई अंतर नहीं देखने को मिला।
मिथक- कॉफी से डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है
एक मिथक यह है कि कॉफी से डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है, लेकिन इस बात की सच्चाई से लोग अनजान है। कॉफी में हल्का मूत्रवर्धक प्रभाव होता है, लेकिन यह डिहाइड्रेशन के जोखिम को नहीं बढ़ाता है क्योंकि कॉफी पानी की पर्याप्त मात्रा से बनाई जाती है। बस इस बात का ध्यान रखें कि कॉफी का ज्यादा सेवन न करें और रोजाना सिर्फ एक कप कॉफी का सेवन करना ही स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।
मिथक- कॉफी से शराब का हैंगओवर दूर होता है
यह भी एक मिथक है कि कॉफी पीने से शराब का हैंगओवर ठीक हो जाता है। अगर आप पार्टी के बाद अगली सुबह कॉफी पीते हैं तो थोड़ा तरोताजा तो महसूस कर सकते हैं क्योंकि इससे शरीर को पानी मिलता है। हालांकि, इससे हैंगओवर खत्म नहीं होता है। इसके अलावा अगर आप शराब पीने के तुरंत बाद कॉफी का सेवन करते हैं तो इससे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
मिथक- डार्क रोस्ट वाली कॉफी में अधिक कैफीन होता है
कॉफी से जुड़ा एक मिथक यह भी है कि डार्क रोस्ट कॉफी ज्यादा स्ट्रांग होती है और इसमें लाइट रोस्ट की तुलना में अधिक कैफीन होता है, जबकि ऐसा कुछ नहीं है। दरअसल, कॉफी बीन्स को भूनने से उनमें से कैफीन की मात्रा कम होने लगती है और कॉफी बीन्स को डार्क रोस्ट करने से उनमें से कैफीन निकल जाती है, जिससे इस पेय को चॉकलेट स्वाद मिलता है।