
एक्सरसाइज की आवृत्ति से जुड़े 4 आम मिथक, जिनकी सच्चाई जानना है बेहद जरूरी
क्या है खबर?
एक्सरसाइज सभी के जीवन का अहम हिस्सा है, लेकिन इसके बारे में कई मिथक भी प्रचलित हैं। इन मिथकों के कारण लोग अक्सर भ्रमित हो जाते हैं और सही दिशा में कदम नहीं उठा पाते।
इस लेख में हम एक्सरसाइज से जुड़े कुछ आम मिथकों को समझेंगे और उनकी सच्चाई जानेंगे।
यह जानकारी सभी के लिए उपयोगी होगी, चाहे आप पुरुष हों या महिला, क्योंकि सही जानकारी ही आपको स्वस्थ जीवन जीने में मदद कर सकती है।
#1
रोजाना एक्सरसाइज करना होता है जरूरी
बहुत से लोग मानते हैं कि रोजाना एक्सरसाइज करना जरूरी होता है, लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। शरीर को आराम की भी जरूरत होती है, ताकि मांसपेशियां ठीक से विकसित हो सकें और थकान दूर हो सके।
अगर आप इसे नियमित रूप से करते हैं और अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार करते हैं तो हफ्ते में 3 से 4 दिन की एक्सरसाइज भी पर्याप्त होती है।
इससे शरीर को आराम करने का समय मिलता है।
#2
जितना ज्यादा पसीना, उतनी अच्छी कसरत
लोगों का मानना है कि जितना ज्यादा पसीना निकलता है, कसरत उतनी ही अच्छी होती है। हालांकि, यह धारणा गलतफहमी पैदा करती है। पसीना आना केवल शरीर के तापमान को नियंत्रित करने का तरीका है, न कि आपकी मेहनत का मापदंड। हर व्यक्ति की शारीरिक संरचना अलग होती है, इसलिए कुछ लोगों को कम पसीना आता है, जबकि कुछ को ज्यादा। कसरत की गुणवत्ता आपके प्रयास और तकनीक पर निर्भर करती है, न कि पसीने पर।
#3
वजन घटाने के लिए घंटों करनी चाहिए एक्सरसाइज
लोग अक्सर सोचते हैं कि वजन घटाने के लिए घंटों तक जिम में रहना पड़ेगा, लेकिन ऐसा नहीं होता।
30 मिनट का वर्कआउट भी बेहद प्रभावी हो सकता है, अगर आप इसे नियमित रूप से कर रहे हों और साथ ही संतुलित डाइट ले रहे हों।
लंबे समय तक कसरत करने के बजाय छोटे-छोटे अंतरालों में उच्च तीव्रता वाले वर्कआउट अधिक फायदेमंद होते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि ये चयापचय को बढ़ाते हैं और कैलोरी जलाने में मदद करते हैं।
#4
केवल कार्डियो एक्सरसाइज करना होता है पर्याप्त
दौड़ लगाना या साइकिल चलाने जैसी कार्डियो एक्सरसाइज वजन घटाने के लिए अच्छी मानी जाती हैं। हालांकि, केवल इनपर निर्भर रहना सही नहीं होता है।
वेट लिफ्टिंग या बॉडीवेट जैसी ताकत बढ़ाने वाली एक्सरसाइज भी बहुत जरूरी होते हैं, क्योंकि ये मांसपेशियों को मजबूत बनाती हैं और चर्बी जलाने में मदद करती हैं।
एक संतुलित फिटनेस रूटीन में कार्डियो के साथ-साथ स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी शामिल होनी चाहिए, ताकि आपका शरीर पूरी तरह फिट रहे सके।