प्रदूषित हवा के कारण बढ़ रही है मृत्यू दर, जानिए वायु प्रदूषण से निपटने के तरीके
लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ में प्रकाशित अध्ययन में 10 प्रमुख भारतीय शहरों में वायु की गुणवत्ता पर चिंता जताई है। इस अध्ययन में चौकाने वाला खुलासा हुआ है। इसमें कहा गया है कि भारत में हर साल लगभग 33,000 मौतें वायु प्रदूषण से होती हैं। अध्ययन में 2008-2019 के बीच अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, पुणे, शिमला और वाराणसी के डाटा का विश्लेषण किया गया था। आप वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ये स्वास्थ्य टिप्स अपना सकते हैं।
वायु प्रदूषण पूर्वानुमान की करें जांच
हर क्षेत्र में वायु प्रदूषण का स्तर अलग-अलग होता है, जो रोजाना बढ़ता या घटता रहता है। ऐसे में आपको हवा की खराब गुणवत्ता से अपनी सुरक्षा करने के लिए रोजाना वायु प्रदूषण पूर्वानुमान जांच लेना चाहिए। आप वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) स्केल की कलर कोडेड श्रेणियों के जरिए यह पता लगा सकते हैं कि हवा में कितना प्रदूषण है। इसके साथ ही वायु की गुणवत्ता जांचने वाले ऐप से भी वायु प्रदूषण की जांच की जा सकती है।
घर के अंदर का वातावरण रखें स्वच्छ
ज्यादातर लोग अपना अधिकतर समय घर में ही बिताते हैं, जिसके कारण घर के अंदर का वातावरण स्वच्छ होना चाहिए। आप ऐसा करने के लिए अपने घर के अंदर एयर प्योरीफायर और हियुमिडीफायर लगवा सकते हैं। ये उपकरण हवा में मौजूद प्रदूषकों और गंदगी को अपने अंदर खींच लेते हैं और साफ हवा प्रदान करते हैं। इसके साथ ही आपको अपने घर के अंदर पौधे लगाने चाहिए और पर्दों, चादरों व कार्पेट आदि को साफ करना चाहिए।
मास्क लगाकर ही घर से निकलें
कोरोना महामारी के दौरान लोग वायरस से सुरक्षा के कारण मास्क लगाया करते थे। हालांकि, आपको वायु प्रदूषण के खतरे के बीच अपनी सुरक्षा करने के लिए भी मास्क पहनना चाहिए। ऐसे मास्क पहनें, जो PM2.5 कणों को फिल्टर करने के लिए डिजाइन किए गए हों। मास्क लगाने से वायु प्रदूषण का जोखिम कम होगा और बीमारियों का खतरा भी घट जाएगा। घर से बाहर निकलते समय आप N95 मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं।
नियमित रूप से कराएं स्वास्थ्य परीक्षण
भारत के ज्यादातर लोग अपनी सेहत को नजरअंदाज करते हैं और बीमार पड़ने तक परीक्षण नहीं करवाते हैं। हालांकि, वायु प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारियों से बचने के लिए नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण करवाने चाहिए। ऐसा करने से आपको अपने फेफड़ों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी रहेगी और उनसे जुड़ी बीमारियों का खतरा भी कम हो जाएगा। नियमित स्वास्थ्य परीक्षण फेफड़ों की बीमारी से ग्रसित लोगों और अधिक प्रदूषित इलाकों में रहने वालों के लिए जरूरी है।
घर के आस-पास पेड़ लगाएं
हवा की खराब गुणवत्ता से निपटने के लिए पेड़ लगाने चाहिए। पेड़ों की पत्तियों पर स्टोमेटा नामक छोटे-छोटे छिद्र होते हैं, जो हवा के जेहरीले प्रदूषकों को सोख लेते हैं। जिन इलाकों में पेड़-पौधे अधिक होते हैं, वहां हवा अधिक ठंडी और स्वच्छ होती है। ऐसे में आपको अपने घर के बागीचे और पेड़ों से रहित इलाकों में पेड़ लगाने चाहिए। जानिए बादल फटने का कारण, प्रभाव और सावधानियों के उपाय।