बिना तकिए के सोना है सेहत के लिए फायदेमंद, जानिए कैसे
भले ही तकिए का इस्तेमाल करके आपको चैन की नींद आती हो, लेकिन यही तकिया आपकी सेहत के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि इससे आपको रीढ़ से लेकर त्वचा संबंधी तक की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। मगर, बगैर तकिए के सोने से आपको कई तरह के शारीरिक और मानसिक लाभ हो सकते हैं। यदि आप अब तक अनजान हैं, तो आइए जानें कि बगैर तकिए के सोने से क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।
बिना तकिए के सोने से रीढ़ की हड्डी को मिलता है आराम
बिना तकिया के सोने का सबसे पहला फायदा है कि ऐसा करने से रीढ़ की हड्डी को आराम मिलता है। अकसर जब आप सुबह उठते होंगे तो पीठ में अकड़न महसूस करते होंगे, क्योंकि तकिया लगाकर सोने से बॉडी में रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है। लेकिन अगर आप बिना तकिया लगाए सोएंगे तो आपको पीठ में दर्द महसूस नहीं होगा। इससे गर्दन और रीढ़ की हड्डी का प्राकृतिक तरीके से संतुलन बना रहता है ।
कई त्वचा संबंधी समस्याएं होती हैं दूर
तकिए के कवर पर काफी मात्रा में धूल-गंदगी और बैक्टीरिया आदि एकत्रित हो जाते हैं, जो चेहरे की त्वचा पर चिपककर त्वचा संबंधी समस्याओं का कारण बनते हैं। इतना ही नहीं, तकिए के इस्तेमाल से चेहरे की त्वचा काफी आराम की स्थिति में आ जाती है, जिससे चेहरे पर झुर्रियों के आने का खतरा भी 30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। ऐसें में अगर आप इन समस्याओं से निजात पाना चाहते हैं, तो आज ही से तकिए को छोड़ दें।
अनिद्रा जैसी समस्याओं से मिलती है निजात
अगर आप यह सोचते हैं कि सोते समय मखमली तकिए का इस्तेमाल आपकी गर्दन और सिर को सपोर्ट कर उन्हें आराम देता है और आपकी नींद को बेहतर बनाता है तो आपका यह सोचना बिल्कुल ही गलत है। कई शोध के मुताबिक, बिना तकिए के सोने से न केवल नींद की क्वालिटी सुधार होता है, बल्कि अनिद्रा यानी इन्सोम्निया जैसी नींद न आने वाली समस्याओं से भी छुुटकारा मिलता है।
बिना तकिए के सोने से मानसिक संतुलन रहता है कायम
कई वैज्ञानिक अध्ययनों के मुताबिक, जब भी कोई शख्स सोता है तब उसका दिमाग आराम की स्थिति में होता है, जिस वजह से वह सुबह मानसिक रूप से तरोताजा होकर उठता है और उसकी मेमोरी भी सेहतमंद रहती है। लेकिन ऐसा तभी संभव है जब सोने की अवस्था सही हो और सोने की सही अवस्था के लिए सिर के नीचे से तकिया हटाना बेहद ही जरूरी है। इससे आपकी याददाश्त दुरुस्त और मानसिक संतुलन बना रहेगा।