जानें क्या होती है 'फेसबुक थेरेपी' और कैसे इसके इस्तेमाल से बढ़ा सकते हैं अपना आत्मविश्वास
क्या है खबर?
आज का दौर सोशल मीडिया का दौर है। लोगों की निर्भरता इसके ऊपर बढ़ती जा रही है।
सोशल मीडिया के कई प्लेटफ़ॉर्म जैसे फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, लिंकडिन हैं। आज भी इनमें से सबसे ज़्यादा लोकप्रिय फेसबुक ही है, लेकिन कम लोग ही यह जानते हैं कि इसका इस्तेमाल थेरेपी की तरह भी किया जा सकता है।
जी हां आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि फेसबुक थेरेपी क्या होती है और इसके क्या-क्या फ़ायदे होते हैं।
लिखना
पहचान सकते हैं ख़ुद की प्रतिभा
यह सुनकर ज़्यादातर लोगों को हैरानी हो रही होगी कि आख़िर फेसबुक कैसे किसी थेरेपी का काम कर सकती है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फेसबुक पर लिखना एक तरह की थेरेपी होती है। इससे व्यक्ति ख़ुद के अंदर झांक और ख़ुद को पहचान सकता है।
इसकी मदद से आप अपनी प्रतिभाओं की पहचान कर सकते हैं और उसमें सुधार भी कर सकते हैं और जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।
जानकारी
हर महीने 227 करोड़ लोग करते हैं फेसबुक का इस्तेमाल
लोग सबसे ज़्यादा फेसबुक का इस्तेमाल करते हैं। एक वेबसाइट के अनुसार फेसबुक को हर महीने लगभग 227 करोड़ लोग इस्तेमाल करते हैं। ज़्यादातर लोग फेसबुक का इस्तेमाल अपने विचार या फ़ोटो शेयर करने के लिए करते हैं।
दिल
दिल को सुकून देती है फेसबुक थेरेपी
ऑस्ट्रेलियन रिसर्च काउन्सिल सेंटर फ़ॉर एक्सीलेंस एंड इनोवेशन के अनुसार फेसबुक या इसके जैसी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स पर लोग अपने बारे में और अपनी उपलब्धियों के बारे में बताते हैं।
इसके साथ ही लोग अपनी गलतियों को स्वीकार भी करते हैं। जिससे लोगों का मन हल्का हो जाता है और वह बेहतर तरह से काम कर पाते हैं।
इसलिए जानकारों का कहना है कि अगर आपके मन में कोई वैचारिक द्वंद हो तो उसे फेसबुक पर ज़रूर लिखें।
ज्ञान
फेसबुक का इस्तेमाल बढ़ाता है ज्ञान
अगर आप रोज़ाना फेसबुक का इस्तेमाल करते होंगे तो आपको पता होगा कि वहां हर रोज़ कुछ न कुछ नया देखने को मिलता है। तरह-तरह के लोगों के विचारों को जानने का मौका भी मिलता है।
इसके अलावा कई नई जानकारी भी मिलती है। जिससे लोगों के ज्ञान में बढ़ोतरी होती है। कई बार उन चीज़ों की बारे में भी फेसबुक से पता चलता है, जिनके बारे में कहीं और जानकारी नहीं मिलती है।
अवसर
फेसबुक देता है सबको समान अवसर
फेसबुक हो या अन्य कोई सोशल मीडिया वेबसाइट्स सभी लोगों को अपनी बात रखने का समान अवसर देती हैं।
यहां किसी विषय का विद्वान हो या एक साधारण व्यक्ति हो, सबको अपनी बात रखने का मौका मिलता है और लोग उनकी बातों पर प्रतिक्रिया भी देते हैं।
इस तरह से व्यक्ति को यह अहसास होता है कि उसकी बात को भी महत्व दिया जा रहा है। इससे उसके आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है।
जानकारी
सोशल मीडिया ने बढ़ाई है लोगों के बीच दूरी
भले ही फेसबुक के कितने ही फायदे क्यों न हो, लेकिन इसकी आदत से बचकर रहें। एक शोध के अनुसार सोशल मीडिया की वजह से लोगों के बीच दूरी बढ़ने के सबसे ज़्यादा मामले सामने आए हैं।