अरुणाचल प्रदेश के मेचुका जाएं तो इन जगहों को अपनी यात्रा का जरूर बनाएं हिस्सा
क्या है खबर?
अरुणाचल प्रदेश में स्थित मेचुका शांत वातावरण से पूर्ण एक गांव है, जो हरे-भरे देवदार के जंगलों और कई सुंदर झरनों के साथ समुद्रतल से 6,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
अगर आप आपनी व्यस्तता भरी जिंदगी में कुछ दिन सुकून और आनंद के बिताना चाहते हैं तो मेचुका की ओर रूख करें।
आइए जानते हैं कि मेचुका में किन चीजों के कारण आपकी यात्रा यादगार बन सकती है।
#1
सैमटेन योंगचा मठ में कुछ देर शांतिपूर्ण समय बिताएं
मेचुका में मौजूद सैमटेन योंगचा एक 400 साल पुराना बौद्ध मठ है, जहां जाकर आपके मन को शांति मिलेगी।
मेचुका के पश्चिमी क्षेत्र में एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित यह लोकप्रिय मठ महायान संप्रदाय के सम्मान में बनाया गया था।
इस मठ में बौद्ध गुरु पद्मसंभव और एक स्वर्ण बुद्ध प्रतिमा की प्राचीन मूर्तियां, भित्ति चित्र और कलाकृतियां हैं।
मेचुका विशाल उड़ने वाली गिलहरी भी यहीं खोजी गई थी।
#2
गुरु नानक तपोस्थान जाना न भूलें
अगर आप कभी भी मेचुका जाएं तो वहां गुरु नानक तपोस्थान को देखना न भूलें, जिसमें गुरु नानक को समर्पित एक पवित्र गुफा है।
400 साल पुरानी इस प्राचीन गुफा में एक विशाल चट्टान भी है, जिस पर गुरु नानक की पगड़ी की छाप है।
लोककथाओं के अनुसार, गुरु नानक इस गुफा में रुके थे और उन्होंने तिब्बत जाते समय ध्यान का अभ्यास किया था।
#3
बहुत ही खूबसूरत है दोर्जिलिंग गांव
मेचुका की यात्रा अद्भुत और सुरम्य दोर्जिलिंग गांव का रुख किए बिना अधूरी है।
यार्गेपचु नदी को पार करने के बाद इस खूबसूरत छोटे से गांव तक पहुंचा जा सकता है।
यह जगह सुंदर छोटी लकड़ी के घरों और एक आश्रम से घिरा हुआ है, जो इस जगह की सुंदरता को बढ़ाते हैं।
इस जगह पर लकड़ी के लटकते पुल भी हैं, जिनका इस्तेमाल स्थानीय लोग नदी पार करने के लिए करते हैं।
#4
यारलुंग आर्मी कैंप को भी बनाएं अपनी यात्रा का हिस्सा
समुद्र तल से 7,394 फीट की ऊंचाई पर स्थित यारलुंग आर्मी कैंप में अवश्य जाना चाहिए।
यहां के कैंप गेट तक नागरिकों को आने की अनुमति है और अगर आप भारत-चीन सीमा से आगे जाना चाहते हैं तो आपको विशेष अनुमति लेने की जरूरत है।
इस कैंप में आकर आप कुछ बहादुर सैनिकों से मिल सकते हैं और वायुसेना के विमानों को भी नजदीक से देख सकते हैं।
#5
आलो जाकर एडवेंचर गतिविधियों का उठाएं लुत्फ
योमगो और सिपू नदियों के किनारे पर स्थित आलो एक छोटी और खूबसूरत जगह है, जो एडवेंचर और प्रकृति प्रेमियों के बीच काफी लोकप्रिय है।
रिवर राफ्टिंग, लंबी पैदल यात्रा, ट्रेकिंग जैसी एडवेंचर गतिविधियों का आनंद लेने के लिए पूरे साल पर्यटक यहां आते रहते हैं।
यह जगह स्थानीय जनजातियों द्वारा बनाए गए हथकरघा और बांस शिल्प के लिए भी लोकप्रिय है।