चीन में मिले अरुणाचल प्रदेश से लापता हुए पांच युवक, किरण रिजिजू ने की पुष्टि
क्या है खबर?
अरुणाचल प्रदेश से गत दिनों अचानक लापता हुए पांच युवक चीन में मिले हैं। वह इस समय चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के पास है।
PLA ने मंगलवार को खुद इसकी पुष्टि की है। इसको लेकर केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने मंगलवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
इस खबर के बाद लापता हुए पांचों युवकों को भारत को सौंपने के लिए प्रक्रियाओं को पूरा किया जा रहा है।
ट्वीट
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने ट्वीट कर दी जानकारी
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने मंगलवार को ट्वीट किया, 'चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने भारतीय सेना द्वारा भेजे गए हॉटलाइन संदेश का जवाब दिया है। चीनी सेना ने पुष्टि की है कि अरुणाचल प्रदेश से लापता हुए पांचों युवक उनके क्षेत्र में पाए गए हैं। युवकों को भारत को सौंपने की प्रक्रिया चल रही है।'
पांचों युवक भारतीय सेना के लिए पोर्टर्स और गाइड का काम करते थे। शुक्रवार को वह ऊपरी सुबनसिरी जिले से लापता हो गए थे।
दावा
कांग्रेस विधायक ने किया था युवकों के अपहरण का दावा
मामले में अरुणाचल प्रदेश से कांग्रेस विधायक निनॉन्ग इरिंग ने दावा किया था कि PLA ने भारत के पांच युवकों का अपहरण किया है। इसके बाद भारतीय सेना ने चीन को शिकायत दी थी।
कांग्रेस विधायक ने कहा था कि क्षेत्र के लोग मवेशियों को घुमाने के लिए बाढ़ के पास जाते हैं। इस बार चीनी सेना ने उन्हें पकड़ लिया।
विधायक ने कहा कि चीनी सेना सिर्फ लद्दाख नहीं बल्कि अरुणाचल प्रदेश में भी LAC तक पहुंच गई है।
अपील
कांग्रेस विधायक ने की थी युवकों को वापस लाने की अपील
कांग्रेस विधायक ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक फेसबुक पोस्ट को साझा किया था।
प्रकाश रिंगलिंग की पोस्ट में लिखा था कि उसका भाई प्रसाद रिंगलिंग और चार अन्य युवक तानू बाकर, नगारू डिरी, डोंगतू इबिया और तोच सिंगकाम को चीनी सेना ने सीमा के सीरा-7 क्षेत्र से अगवा कर लिया है।
उन्होंने पोस्ट को प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और मुख्यमंत्री को टैग करते हुए युवकों को सुरक्षित वापस लाने की अपील की थी।
बयान
चीन ने सोमवार को दिया था यह बयान
पांच भारतीय युवकों के लापता होने के बाद चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने सोमवार को कहा था कि चीन ने कभी अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी है, जो चीन का दक्षिणी तिब्बत इलाका है।
भारतीय सेना के PLA को भारतीयों को छोड़ने के लिए संदेश भेजने के सवाल पर प्रवक्ता ने कहा कि हमारे पास अभी इस बात की कोई जानकारी नहीं है। इसके बाद मंगलवार को PLA ने स्वीकार कर लिया।