पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में स्थित ये पर्यटन स्थल हैं देखने लायक
पश्चिम बंगाल में स्थित मुर्शिदाबाद एक ऐसा पर्यटन स्थल है, जो वर्तमान की मान्यताओं के साथ अतीत की सुंदरता को जोड़े हुए है। यहां आकर आपको महसूस होगा कि तकनीक हमें कितना भी आगे ले गई हो, लेकिन कुछ चीजें आज भी धरती को स्वर्ग के समान बनाती हैं क्योंकि यह आपको भारत की प्राचीनता से रू-ब-रू करवाएगा। आइए आज हम आपको मुर्शिदाबाद के पांच प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में बताते हैं, जो आपकी छुट्टियों के लिए बेहतरीन रहेंगी।
हजारद्वारी पैलेस
मुर्शिदाबाद में सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में शामिल हजारद्वारी पैलेस एक संग्रहालय है, जिसका निर्माण 1837 में बिहार, बंगाल और ओडिशा के नवाब नाजिम हुमायूं जाह के शासनकाल में किया गया था। 41 एकड़ के क्षेत्र में फैला यह संग्रहालय यूरोपीय स्थापत्य शैली को दर्शाता है और 1,000 सजावटी प्रवेश द्वारों से सजाया गया है। इस तीन मंजिला संग्रहालय में 114 कमरे और आठ गैलरी हैं, जिनमें नवाबों की कई पेंटिंग हैं।
निज़ामत इमामबाड़ा
नवाब सिराजुद्दौला ने 1740 में निज़ामत इमामबाड़ा बनवाया था, लेकिन कुछ लोगों ने इस मस्जिद को आग से नष्ट कर दिया गया था, जिसके बाद नवाब नाजिम मंसूर अली खान ने 1847 में इसका पुनर्निर्माण करवाया था। हजारद्वारी पैलेस के करीब स्थित निज़ामत इमामबाड़ा पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े इमामबाड़ों में से एक है, जो रोजाना सुबह 8:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक पर्यटकों के लिए खुली रहती है।
मोती झील
मोती झील भी मुर्शिदाबाद के प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में से एक है, जो ब्रिटिश और भारतीय इतिहास दोनों को दर्शाता है। इस झील का निर्माण घासी बेगम के पति नवाजिश मुहम्मद खान ने करवाई थी। घोड़े की नाल के आकार की झील ने मशहूर ब्रिटिश अधिकारियों जैसे वॉरेन हेस्टिंग्स, रॉबर्ट क्लाइव, लॉर्ड टेग्नमाउथ और कई अन्य लोगों के निवास के रूप में कार्य किया, इसलिए इसे कंपनी बाग भी कहा जाता था।
कटरा मस्जिद
पश्चिम बंगाल की सबसे पुरानी मस्जिदों में से एक कटरा मस्जिद का निर्माण नवाब मुर्शिद कुली खान ने 1723 और 1724 के बीच करवाया था। मस्जिद में कुली खान का मकबरा भी है, जिसे मस्जिद के प्रवेश द्वार पास बनी सीढ़ियों के नीचे दफनाया गया था। इस दो मंजिला मस्जिद का रखरखाव भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा किया जाता है और इसमें लगभग 2,000 लोग नमाज पढ़ सकते हैं।
मुर्शिदाबाद जिला संग्रहालय
मुर्शिदाबाद जिला संग्रहालय को पूरा होने में 20 साल लगे और इसका निर्माण 1965 में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा शुरू करवाया गया था। 1985 में इस संग्रहालय का संचालन शुरू हुआ था। बता दें कि इस संग्रहालय की भूमि जियागंज के दिवंगत राय बहादुर सुरेंद्र नारायण सिंह की थी। इस संग्रहालय में कई कलाकृतियां, प्रारंभिक मिट्टी के बर्तन, मूर्तियां, दुर्लभ पुस्तकें और पांडुलिपियां भी हैं।