सरकार शुरू करने जा रही अतुल्य भारत 3.0 अभियान, पर्यटकों को मिलेगा अलग अनुभव
कोरोना वायरस महामारी के कारण कुछ वर्षों से पर्यटन क्षेत्र का बुरा हाल है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र में कुछ नया करने की योजना बनाई है। आपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह देखा होगा कि जब कोई किसी पर्यटक स्थल पर जाता है तो वह वहां कि वेशभूषा या खाने के व्यंजनों का जिक्र जरूर करता है। इसी को ध्यान में रखते हुए अब पर्यटन मंत्रालय 'अतुल्य भारत 3.0' योजना की शुरूआत करने जा रहा है।
अतुल्य भारत 3.0 अभियान के अंतर्गत क्या नया होगा?
केंद्र सरकार अतुल्य भारत अभियान एक, दो के बाद 3.0 शुरु करने जा रही है। अतुल्य भारत 3.0 अभियान के तहत सरकार पर्यटन के क्षेत्र में कई बड़े बदलाव की तैयारी करने जा रही है। इन बदलावों के अंतर्गत पर्यटन स्थलों के आसपास के इलाकों की गतिविधियों का भी अनुभव कर पाएंगे। इसके साथ ही पर्यटन स्थल के आसपास की मशहूर चीजों को बनाने के बारे में भी सीख पाएंगे।
'पर्यटन स्थल को देखने की बजाय उस जगह महसूस करना चाहते हैं टूरिस्ट'
इस अभियान के बारे में जानकारी देते हुए पर्यटन मंत्रालय की एडिशनल महानिदेशक रूपिंदर बरार ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के बाद पर्यटकों की मांग में बदलाव आया है। उन्होंने इस अभियान के बारे में अधिक जानकारी देते हुए आगे कहा, "पर्यटक अब किसी पर्यटन स्थल को देखने की बजाय उस जगह का अनुभव करना चाहते हैं। वह सीखना चाहते हैं। इसीलिए अतुल्य भारत 3.0 अभियान में इन सभी बातों का ध्यान रखा जाएगा।"
जोधपुर घूमने जाने वाले पर्यटकों को मिलेगा जोधपुरी जूती बनाने का प्रशिक्षण
बरार ने कहा, "कोई टूरिस्ट जोधपुर जाता है, वह पर्यटन स्थलों को देखता है। उसे हर जगह पर खास अंदाज की जूतियां बिकती हुई दिखती हैं। ज्यादातर पर्यटक दुकानदारों से उन्हें बनाने की प्रक्रिया के बारे में सवाल करते हैं। इसको देखते हुए हमारी कोशिश है कि टूरिस्ट खुद जूती बनाने का अनुभव कर सकें।" उन्होंने कहा कि इसलिए अतुल्य भारत 3.0 अभियान में पर्यटन स्थल को देखने, घूमने के साथ-साथ उनका अनुभव और प्रशिक्षण भी शामिल किया गया है।
अतुल्य भारत अभियान की शुरूआत कब हुई?
पर्यटन मंत्रालय ने 2002 में 'अतुल्य भारत' नाम से एक अभियान शुरू किया था। इसके तहत हिमालय, वन्य जीव और योग की तरफ अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की गई जिससे देश में पर्यटन क्षेत्र में संभावनों के नए द्वार खुले। इसके बाद पर्यटन मंत्रालय ने 2017 में अतुल्य भारत 2.0 अभियान शुरु किया। इसके अंतर्गत पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल और सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों का ध्यान केंद्रित किया गया था।