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क्या डोनाल्ड ट्रंप और पुतिन की अलास्का बैठक सफल रही है? जानिए किसने क्या हासिल किया
डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन के लिए अलास्का बैठक के कई मायने रहे हैं

क्या डोनाल्ड ट्रंप और पुतिन की अलास्का बैठक सफल रही है? जानिए किसने क्या हासिल किया

Aug 16, 2025
01:59 pm

क्या है खबर?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शुक्रवार को अलास्का के एंकोरेज में हुई बैठक यूक्रेन के साथ युद्धविराम समझौते के बिना समाप्त हो गई। बैठक से पहले उम्मीदें थी कि इसमें युद्धविराम के लिए एक रूपरेखा तैयार होगी या फिर ठोस वार्ता के लिए मंच तैयार होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हालांकि, दोनों नेताओं ने बैठक को काफी अच्छा करार दिया है। ऐसे में आइए जानते हैं इस बैठक से किसे क्या हासिल हुआ है।

तैयारी

ट्रंप ने तैयार किया था बातचीत का मंच

इस बैठक को बहुत ही सावधानी से आयोजित किया गया। इसमें B-2 स्पिरिट न्यूक्लियर स्टील्थ बॉम्बर लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी, पुतिन के स्वागत में लाल कालीन बिछाया गया और 'शांति की खोज' का नारा दिया गया। ट्रंप के लिए यह बड़े राजनेता होने का प्रदर्शन करने का अवसर था, जबकि पुतिन के लिए सालों से उपेक्षित रहने के बाद अमेरिका में सम्मान के साथ स्वागत किया जाना व्यक्तिगत और कूटनीतिक विजय का प्रतीक रहा।

जगह

बैठक के लिए क्यों किया अलास्का के एंकरेज का चुनाव?

पुतिन की आखिरी अमेरिकी यात्रा एक दशक पहले हुई थी। 2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद से वह पश्चिमी देशों से दूर रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर रखा है। ऐसे में ट्रंप ने बैठक के लिए अलास्का के एंकरेज कर चुनाव कर पुतिन के लिए वार्ता के द्वार खोले। दरअसल, अमेरिका ICC का सदस्य नहीं है, जिससे पुतिन के लिए उस वारंट की जटिलताओं का जोखिम समाप्त हो गया।

बैठक

बैठक में क्या हुआ?

ट्रंप और पुतिन बंद कमरें में करीब 3 घंटे की चर्चा के बाद यूक्रेन युद्ध का समाधान नहीं निकाल पाए। हालांकि, संयुक्त बयान में ट्रंप ने कहा, "बैठक बेहद फलदायी रही और कई बिंदुओं पर सहमति बनी। अब बस कुछ ही बिंदु बचे हैं। हम यूक्रेन के साथ युद्धविराम पर नहीं पहुंच पाए, लेकिन वहां पहुंचने की अच्छी संभावना है।" पुतिन ने भी यही भावना दोहराते हुए कहा कि दोनों पक्ष युद्धविराम का मार्ग प्रशस्त करने पर सहमत हुए हैं।

संदेश

ट्रंप ने जेलेंस्की को दिया समझौता करने का संदेश

इस बैठक के बाद ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की को रूस के साथ समझौता करने का संदेश दे दिया। उन्होंने कहा, "अब यह वास्तव में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की पर निर्भर करता है कि वे युद्धविराम समझौते को पूरा करें। अगर वे चाहेंगे, तो मैं अगली बैठक में मौजूद रहूंगा।" उन्होंने संकेत दिया कि संभावित क्षेत्रीय समायोजन और अमेरिकी सुरक्षा गारंटी पर चर्चा हुई थी और ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर हम सहमत हैं।

सफलता

बैठक से पुतिन को क्या हासिल हुआ?

भले ही बैठक में युद्ध का हल नहीं निकला, लेकिन यह कई मोर्चों पर पुतिन के लिए एक महत्वपूर्ण साबित हुई। अमेरिका में उनकी वापसी सबसे बड़ी सफलता रही। रूसी सरकारी टेलीविजन ने पुतिन की ट्रंप के साथ हाथ मिलने की तस्वीरों के साथ दिखाया कि पश्चिमी देशों द्वारा अलग-थलग करने की कोशिशों के बावजूद रूस वैश्विक मंच पर फिर से उभर आया है। इसी तरह उन्होंने ट्रंप के साथ अपने रिश्तों को भी मजबूत किया है।

अन्य

पुतिन के ये सफलताएं भी लगी हाथ

बैठक में पुतिन को जनता से सकारात्मक संदेश भी मिला है। उन्होंने ट्रंप की तारीफ में कहा कि वे मानते हैं कि अगर ट्रंप 2022 में राष्ट्रपति होते तो यह युद्ध नहीं होता। इस बयान ने रूसी दर्शकों की नजरों में मास्को के पिछले कार्यों को उचित ठहराया है। इसी तरह पुतिन को ट्रम्प के साथ 'द बीस्ट' नामक बेहद सुरक्षित राष्ट्रपति कार लिमोजिन में भी बैठने का मौका मिला। ऐसे में यह पुतिन के लिए काफी अहम बैठक रही।

सवाल

ट्रंप को बैठक से क्या हासिल हुआ?

इधर, ट्रंप ने इस बैठक से बड़ा राजनीतिक लाभ उठाया है। बैठक ने उन्हें 2016 के अमेरिकी चुनाव में कथित रूसी हस्तक्षेप की जांच की निंदा करने का मंच दिया। पुतिन के साथ खड़े होकर उन्होंने इसे एक धोखा करार दिया और दोनों नेताओं को अनुचित जांच का शिकार बताया। इसके अतिरिक्त, ट्रंप ने स्वयं को एकमात्र ऐसे पश्चिमी नेता के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया, जो पुतिन को वार्ता की टेबल पर लाने में सक्षम है।

सुझाव

ट्रंप ने पुतिन के सुझाव को बताया दिलचस्प

पुतिन ने युद्ध विराम के लिए अगली बैठक मास्को में करने का सुझाव देकर ट्रंप को रूस का आने का न्योता भी दे दिया। इसे ट्रंप ने दिलचस्प बताते हुए कहा, "इस पर मुझे थोड़ी आलोचना झेलनी पड़ेगी, लेकिन ऐसा हो सकता है।" ऐसे में अगर, यह यात्रा साकार होती है तो यह किसी अमेरिकी राष्ट्रपति की 2013 के बाद रूस की पहली यात्रा होगी। उस दौरान बराक ओबामा ने सेंट पीटर्सबर्ग में G-20 शिखर सम्मेलन में भाग लिया था।