काली चाय बनाम दूध की चाय: दोनों में से किसका सेवन स्वास्थ्य के लिए है बेहतर?
क्या है खबर?
भारतीय चाय बोर्ड के एक अध्ययन के अनुसार, भारत विश्व में चाय का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और यहां चाय की खपत सबसे अधिक है।
वैसे तो चाय के कई प्रकार हैं, लेकिन काली और दूध की चाय की मांग सबसे ज्यादा है।
हालांकि, कभी सोचा है कि आपके स्वास्थ्य के लिए इन दोनों में से क्या बेहतर है?
आइए जानते हैं कि काली और दूध की चाय में से किसका सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है।
कैफीन
कैफीन की मात्रा पर निर्भर करता है लाभकारी या हानिकारक होना
दोनों ही चाय कैफीन युक्त होती हैं, जो स्वास्थ्य पर लाभकारी और हानिकारक दोनों तरह के प्रभावों के लिए जानी जाती है।
एक दिन में 400 ग्राम कैफीन को स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद माना गया है। इससे ज्यादा कैफीन युक्त चीजों का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
अगर हम दोनों चाय में मौजूद कैफीन की तुलना पर गौर फरमाएं तो काली चाय में दूध वाली चाय की तुलना में कैफीन की मात्रा कम होती है।
काली चाय
काली चाय के फायदे
काली चाय का सेवन कोरोनरी धमनी रोग को ठीक करने में मदद कर सकता है। यह चाय गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी समस्याओं के लिए उपचार का काम करती है।
काली चाय से अस्थमा रोगियों को बहुत फायदा होता है। यह वायुमार्ग को चौड़ा करती है, जिससे वे अधिक खुलकर सांस ले पाते हैं।
यह भरपूर ऊर्जा प्रदान करने सहित त्वचा और बालों की दशा सुधारने में भी सहायक है।
इस चाय का सेवन तनाव को कम करने में भी कारगर है।
दूध की चाय
दूध की चाय के सेवन से मिलने वाले लाभ
दूध की चाय के सेवन से शरीर को ताकत मिलती है। यह ऊर्जा का एक बड़ा स्रोत है और शरीर को तरोताजा कर देती है।
दूध की चाय में एक एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट होता है, जो वजन और हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में सहायक है।
इसके अलावा उच्च फिनोल सामग्री के कारण यह त्वचा में कोलेजन का उत्पादन बढ़ाकर झुर्रियों को बढ़ने से रोकता है।
चयन
दोनों चाय में से क्या है स्वास्थ्य के लिए बेहतर?
काली चाय में शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं, लेकिन उसमें दूध मिलाने से एंटी-ऑक्सिडेंट की मात्रा कम होने के साथ सूजन और एसिडिटी की संभावना भी बढ़ जाती है।
यही नहीं, काली चाय रक्त वाहिकाओं को आराम देने के लिए जानी जाती है और बहुत अधिक दूध वाली चाय का सेवन टाइप 2 मधुमेह, अनिद्रा, तैलीय त्वचा और कब्ज और निर्जलीकरण का कारण बन सकता है।
ऐसे में काली चाय को चुनना ज्यादा बेहतर है।