मानसून के दौरान नहीं करना चाहिए इन 5 दालों का सेवन, हो सकता है नुकसान
भारत के घरों में दिन में एक बार दाल जरूर बनती है। दालें करी, सूप, सांभर आदि जैसे कई व्यंजनों में शामिल की जा सकती हैं। इनमें वसा की मात्रा कम होती है और भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है। हालांकि, मानसून के मौसम में आपको कुछ प्रकार की दालों को डाइट में शामिल करने से परहेज करना चाहिए। बरसात के दिनों में इन 5 दालों के सेवन से गैस, एसिडिटी और पेट फूलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
उड़द दाल
उड़द दाल में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, आयरन और फाइबर होता है। अमेरिकी कृषि विभाग के अनुसार 100 ग्राम उड़द दाल में 24 ग्राम प्रोटीन होता है। यह हड्डियों के स्वास्थ्य को दुरुस्त कर सकती है और मांसपेशियों के निर्माण में सहायता कर सकती है। हालांकि, उड़द की दाल पेट के लिए भारी होती है और इसे पचाना कठिन होता है। मानसून के उमस भरे मौसम में इसे खान-पान का हिस्सा बनाने से पेट में सूजन हो सकती है।
राजमा
राजमा प्रोटीन, फाइबर, आयरन, कॉपर और पोटेशियम जैसे खनिजों से भरपूर होता है। यह ब्लड शुगर के स्तर को बनाए रखने, हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने, ऊर्जा प्रदान करने और वजन घटने में मदद कर सकता है। हालांकि, आपको मानसून के दौरान दाल के इस प्रकार का सेवन करने से बचना चाहिए। राजमा को सूजन और गैस जैसी समस्याओं का कारण माना जाता है। बरसात के दिनों में इसके सेवन से आपका पाचन स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है।
चना दाल
चना दाल प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम और आयरन जैसे खनिजों का बढ़िया स्रोत होती है। यह वजन प्रबंधन में सहायता कर सकती है, कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर सकती है और पाचन स्वास्थ्य का समर्थन कर सकती है। बरसात के मौसम में पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है। ऐसे में यह दाल अपच और पेट फूलने का कारण बन सकती है। नमी के संपर्क में आने पर इसमें फफूंद लग सकती है, जो गुणवत्ता और स्वाद दोनों को प्रभावित कर सकती है।
काबुली चना
काबुली चना प्रोटीन, फाइबर, विटामिन-C, आयरन और पोटेशियम जैसे खनिजों से भरपूर होता है। यह हृदय स्वास्थ्य का समर्थन करता है और वजन प्रबंधन में मदद करता है। हालांकि, मानसून के नमी भरे दिनों में काबुली चने के सेवन से आपको असुविधा महसूस हो सकती है। इसमें जटिल शर्करा, फेर्मेंटेड ऑलिगोसेकेराइड और पॉलीओल्स जैसे कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं, जो पाचन को धीमा कर सकते है। आप मानसून के दौरान सूखे मसलों को नमी से सुरक्षित रखने के लिए ये तरीके अपनाएं।
मसूर दाल
मसूर की दाल में प्रोटीन, मैग्नीशियम, आयरन, विटामिन C और विटामिन B होते हैं। यह दाल फाइबर और पोटेशियम से भरपूर होती है, जो इसे हृदय स्वास्थ्य और कोलेस्ट्रॉल के प्रबंधन के लिए एक अच्छा भोजन विकल्प बनाते हैं। हालांकि, इसमें रैफिनोज और स्टैच्योज जैसी शर्करा मौजूद होती हैं। इनके कारण मानसून में पेट फूलने की समस्या बढ़ सकती है और पेट में दर्द भी उठ सकता है। जानिए मानसून के दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।